संपादकीय: घुसपैठ को लेकर आरोप प्रत्यारोप

Allegations and counter-allegations regarding infiltration
Allegations and counter-allegations regarding infiltration: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में घुसपैठ की समस्या पर बोलते हुए कहा है कि भारत देश कोई धर्मशाला नहीं है कि यहां कोई भी घुसपैठ कर सके। उन्होंने घुसपैठ के लिए बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और असम की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। गृह मंत्री शाह का आरोप है कि ममता बनर्जी और असम की कांग्रेस सरकार ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को प्रश्रय दिया।
यहां तक की घुसपैठियों के नाम वोटरलिस्ट में भी जुडवाये गये और इन घुसपैठियों को मूलभुत सुविधायें भी सुलभ कराई गई। किन्तु अब केन्द्र सरकार घुसपैठियों के खिलाफ कड़े कदम उठाएगी। इधर विपक्षी नेताओं को आरोप है कि देश में घुसपैठ रोकना केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी है और वह अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए गैर भाजपा सरकारों पर आरोप लगाती है। कुल मिलाकर घुसपैठ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप ही चल रहा है। घुसपैठियों के खिलाफ नई दिल्ली और मुंबई में छिटपुट कार्यवाही होने के अलावा कभी कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हो पाई है। अव्वल तो वर्षों से यहां बसे घुसपैठियों की पहचान करना ही कठिन काम है।
खासतौर पर उस स्थिति में जबकि उनके पास वोटर आईडी कार्ड भी राशन कार्ड हो और अन्य कागज भी हो ऐसे में उन्हें घुसपैठिया साबित करना आसान नहीं है। पूर्व में असम और बंगाल में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ कर चुके हैं और वहां से नई दिल्ली तथा मुंबई सहित देश के कई शहरों में जाकर बस गये हैं। असम सरकार जरूर इन घुसपैठियों के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है। लेकिन बंगाल की ममता बनर्जी सरकार घुसपैठियों के खिलाफ कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लिपापोती ही कर रही है। यही वजह है कि घुसपैठियों को देश से बाहर करने का काम कठिन हो गया है।
ये घुसपैठिए देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है। इनमें से ज्यादातर आपराधिक गतिविधयों में ही लिप्त रहते हैं लेकिन राजनीति दलों को संरक्षण प्राप्त होने के कारण पुलिस इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीं कर पाती। देश की राजधानी नई दिल्ली में अपने एक दशक के कार्यकाल के दौरान तात्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को तमाम तरह की सहुलियतें प्रदान की थी आम आदमी पार्टी के विधायक ने तो इनकी अवैध बस्तियां बसा रखी थी। अब उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है।
ऐसी कार्यवाही खासतौर पर बंगाल में की जानी चाहिए जहां लाखों की संख्या में घुसपैठिये लंबे समय से आबाद हैं। सीमा पार से घुसपैठ अभी भी जारी है जिसे रोकने के लिए केन्द्र सरकार को भी भारत बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा के और ज्यादा कड़े इंतजाम करने होंगे। इसके साथ ही देश में जो घुसपैठियें हैं उनके खिलाफ भी युद्ध स्तर पर अभियान चलाना होगा। घुसपैठ की समस्या को लेकर सिर्फ जुबानी जमा खर्च करने और इसके लिए आरोप प्रत्यारोप लगाने से इस समस्या का समाधान नहीं होगा।
दुनिया के अन्य देशों में घुसपैठियों के खिलाफ कड़े कानून हैं। कई देशों में तो उन्हें सीधे गोली मार दिया जाता है। इसी तरह का भारत में भी कड़ा कानून बनाना होगा तभी घुसपैठ की विकट समस्या का समाधान होगा। अन्यथा सीमा पार से घुसपैठ बदस्तूर जारी रहेगी। और भारत सचमुच एक धर्मशाली बन जाएगा। संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठ को लेकर जो तिखे तेवर दिखाये हैं उसे देखते हुए यह उम्मीद की जानी चाहिए कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे घुसपैठियों के विरूद्ध केन्द्र सरकार जल्द से जल्द सख्त कदम उठाएगी।