जन अदालत में रिहा हुए अगवा सब इंजीनियर, ठेकेदार समझ उठा ले गए थे नक्सली
पति से मिलकर बिलख पड़ी पत्नी, कहा- मुश्किलें आएंगी मिलकर लडेंगे
बीजापुर/नवप्रदेश। Kidnapped SE Released : छग के बीजापुर में नक्सलियों द्वारा अपहरण किए गए पीएमजेएसवाई के सब इंजीनियर को पत्नी की गुहार के बाद बुधवार को जनअदालत लगाकर रिहा कर दिया गया। पति से मिलकर पत्नी बिलख पड़ी।
पति अजय रोशन लकड़ा को नक्सलियों के चंगुल से छुड़वाने के लिए पत्नी अर्पिता अपने मासूम बेटे के साथ नक्सलगल में पिछले 7 दिनों से चक्कर लगा रही थी। बताया जा रहा है कि माओवादियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने सब इंजीनियर को छोडऩे का फैसला लिया।
बीजापुर जिले के अंदरुनी इलाके के एक गांव में जन अदालत (Kidnapped SE Released) लगा कर अजय को उसकी पत्नी के सुपुर्द कर दिया गया। 7 दिनों के बाद पति को अपनी आंखों के सामने जिंदा देख अर्पिता बिलख पड़ी। अजय को गले से लगाया और कहा- आप को छुड़वाने के लिए मैंने हिम्मत नहीं हारी थी। हमने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं। ये हमारा बुरा वक्त था। मुझे पता है आप बहुत हिम्मत वाले हैं। गांव के लोग भी बहुत अच्छे हैं। आप को ढूंढने मैं निकल पड़ी थी। मैं जानती थी कि आपको कुछ नहीं होगा। जिंदगी में आगे भी कई मुश्किलें आएंगी, हम दोनों साथ मिलकर लड़ेंगे।
ठेकेदार समझ उठा ले गए थे नक्सली
नक्सलियों के चंगुल से रिहा होने के बाद अजय ने मीडिया से बताया कि वो मनकेली गोरना इलाके में सड़क निर्माण कार्य का जायजा लेने के लिए गए थे। लौटते समय ग्रामीण वेशभूषा में आए कुछ लोग साथ लेकर चले गए थे। उन्होंने मुझे सड़क निर्माण करवाने वाला ठेकेदार समझा था। नक्सलियों ने मुझसे पूछा था कि तुम ही लकड़ा ठेकेदार हो क्या? मैंने नक्सलियों से कहा कि मैं ठेकेदार नहीं हूं। हर घंटे बस यही सोचता रहा कि अब आने वाले समय में मेरे साथ क्या होगा? किस जंगल में रखा था नहीं पता। अजय ने बताया कि वो बहुत घबराया हुआ था।
गौरतलब है कि इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा (Kidnapped SE Released) को नक्सलियों ने पुरे 7 दिनों बाद रिहा किया है। इस रिहाई से पहले इंजीनियर लकड़ा को माओवादियों ने अपनी जनअदालत में तलब किया था, वहां उनकी रिहाई को मिली हरी झंडी के बाद ही उन्हें छोड़ा गया है। बीजापुर जिले की एक कंस्ट्रक्शन साइड से विजिट करने के दौरान इंजीनियर और उनके एक साथी का अपहरण हुआ था। हालाँकि माओवादियों ने उनके सहयोगी को दूसरे दिन ही छोड़ दिया था।