Air Taxi India : अब हिंदुस्तान में ट्रैफिक जाम से मुक्ति की उड़ान
Air Taxi India
तेजी से बढ़ते शहरीकरण, सड़कों पर लगातार बढ़ते वाहनों का दबाव और रोजमर्रा के ट्रैफिक जाम ने भारतीय महानगरों में आवागमन को सबसे बड़ी चुनौती बना दिया है। ऑफिस पहुंचने से लेकर एयरपोर्ट तक जाने में लगने वाले घंटे न केवल समय की बर्बादी हैं,
बल्कि आर्थिक उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता पर भी असर डाल रहे हैं। ऐसे हालात में अब एक ऐसी तकनीक सामने आ रही है, जो सड़क से ऊपर उड़कर इस समस्या का समाधान देने का दावा कर रही है। एयर टैक्सी (Air Taxi India) को शहरी परिवहन के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है, और इसी दिशा में भारत में पहली ठोस पहल शुरू हो चुकी है।
एयरोस्पेस स्टार्टअप सरला एविएशन ने बेंगलुरु स्थित अपनी निर्माण सुविधा में एयर टैक्सी कार्यक्रम की ग्राउंड टेस्टिंग शुरू कर दी है। कंपनी का दावा है कि यह तकनीक शहरों में घंटों के सफर को मिनटों में बदलने की क्षमता रखती है। हेलीकॉप्टर की तरह सीधे उड़ान भरने और उतरने वाली यह एयर टैक्सी न केवल ट्रैफिक जाम से राहत देगी, बल्कि शहरी परिवहन के पूरे ढांचे को नई दिशा दे सकती है।
बेंगलुरु से शुरू हुई भविष्य की तैयारी
सरला एविएशन ने जनवरी 2025 में भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो के दौरान अपने प्रोटोटाइप एयर टैक्सी ‘शून्य’ का अनावरण किया था। इसके बाद से कंपनी लगातार इस तकनीक को जमीन पर उतारने की दिशा में काम कर रही है। योजना के मुताबिक, 2028 तक बेंगलुरु में इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग यानी ई-वीटीओएल एयर टैक्सी सेवाएं शुरू की जाएंगी। यह वही तकनीक है, जिसमें विमान को रनवे की जरूरत नहीं होती और वह सीमित जगह से सीधे उड़ान भर सकता है।
गौरतलब है कि 2024 में बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी शुरू करने के लिए सरला एविएशन के साथ साझेदारी की थी। इसका उद्देश्य एयरपोर्ट और शहर के प्रमुख हिस्सों के बीच तेज, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल परिवहन विकल्प विकसित करना है।
भारत का सबसे उन्नत ई-वीटीओएल डेमांस्ट्रेटर
कंपनी के अनुसार, उसने अपने आधे आकार के ई-वीटीओएल डेमांस्ट्रेटर एसवाइएलएसए एसवाइएल-एक्स1 की ग्राउंड टेस्टिंग शुरू की है। इसका विंगस्पैन 7.5 मीटर है और इसे भारत में निजी क्षेत्र द्वारा विकसित सबसे बड़ा और उन्नत ई-वीटीओएल डेमांस्ट्रेटर बताया जा रहा है। यह सब-स्केल विमान संरचनात्मक मजबूती, प्रोपल्शन इंटीग्रेशन और सिस्टम-स्तरीय सुरक्षा ढांचे के परीक्षण के लिए डिजाइन किया गया है।
सरला एविएशन का कहना है कि इस डेमांस्ट्रेटर के जरिए कंपनी उन सभी तकनीकी पहलुओं को परख रही है, जो भविष्य में पूर्ण-आकार के एयर टैक्सी मॉडल के लिए जरूरी होंगे। यह परियोजना 15 मीटर विंगस्पैन वाले फुल-स्केल विमान की दिशा में एक अहम सेतु मानी जा रही है, जिसे शुरुआत से ही नागरिक उड्डयन सर्टिफिकेशन मानकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
Air Taxi India कम पूंजी, तेज प्रगति
कंपनी का दावा है कि यह उपलब्धि महज नौ महीनों के भीतर और वैश्विक मानकों की तुलना में कम पूंजी में हासिल की गई है। यह भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत है कि उन्नत एयरोस्पेस तकनीक अब केवल विकसित देशों तक सीमित नहीं रही। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आने वाले वर्षों में भारत भी शहरी हवाई परिवहन के क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से उभर सकता है।
Air Taxi India एयर टैक्सी की प्रमुख खूबियां
एयर टैक्सी को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यह शहरी जरूरतों के अनुकूल हो।
एक बार चार्ज करने पर यह करीब 30 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकेगी।
इसकी अधिकतम वहन क्षमता 680 किलोग्राम होगी।
यह लगभग 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम होगी।
एक बार में 6 यात्री यात्रा कर सकेंगे।
इसके अलावा आपात स्थितियों में इसे हवाई एंबुलेंस सेवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिससे गंभीर मरीजों को कम समय में अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा।
पहली महिला पायलट को समर्पित नाम
सरला एविएशन की स्थापना अक्टूबर 2023 में एड्रियन श्मिट, राकेश गांवकर और शिवम चौहान ने की थी। कंपनी को एक्सेल, बिन्नी बंसल और निखिल कामथ जैसे बड़े निवेशकों का समर्थन हासिल है। अब तक यह स्टार्टअप लगभग 1.3 करोड़ डॉलर, यानी करीब 116 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटा चुका है। खास बात यह है कि कंपनी का नाम भारत की पहली महिला पायलट सरला ठुकराल के सम्मान में रखा गया है, जो इसे एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पहचान देता है।
दुनिया में भी तेज होड़
एयर टैक्सी केवल भारत तक सीमित अवधारणा नहीं है। दुनियाभर में इस पर तेजी से काम हो रहा है। दुबई ने 2026 से एयर टैक्सी सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर ली है और इसके लिए जरूरी नियम भी बनाए जा चुके हैं। चीन इस क्षेत्र में सबसे आगे माना जा रहा है, जहां स्वचालित एयर टैक्सी का उपयोग पर्यटन और शहरी आवागमन दोनों के लिए किया जा रहा है।
चीन की स्वचालित इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी ने हाल ही में अफ्रीका में भी सफल उड़ान भरी है। इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देश भी अपने नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों के साथ मिलकर एयर टैक्सी सेवाओं की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
क्या बदलेगा शहरों का सफर
अगर एयर टैक्सी तकनीक सुरक्षित, किफायती और व्यावहारिक साबित होती है, तो यह भारतीय शहरों में आवागमन की तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है। सड़क यातायात पर दबाव घटेगा, प्रदूषण में कमी आएगी और समय की बचत होगी। फिलहाल सरला एविएशन की यह पहल एक परीक्षण है, लेकिन यही परीक्षण आने वाले समय में ट्रैफिक जाम से मुक्ति की सबसे बड़ी उड़ान साबित हो सकता है।
