AI In Chhattisgarh Culture : अब एआइ की मदद से संवरेगी छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति
छत्तीसगढ़ अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस के युग में अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम (AI in Chhattisgarh culture) उठा चुका है। ट्रिपल आईटी में डिजिटल ह्यूमैनिटीज नामक अंतरविषयी केंद्र की स्थापना की गई है। प्रदेश में इस तरह का यह पहला केंद्र है, जो तकनीक और मानविकी को एक साझा मंच पर लाने का काम करेगा। एआइ, डेटा साइंस, भाषा, संगीत, संस्कृति और सामाजिक अध्ययन के मेल से तैयार यह पहल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिला सकती है।
इस पहल को इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के साथ हुए महत्वपूर्ण एमओयू (Digital Humanities center) से मजबूती मिली है। इसकी पहली गतिविधि के रूप में 21–22 नवंबर को राष्ट्रीय कार्यशाला ‘ड्रीम’ आयोजित की जाएगी।
ड्रीम कार्यशाला: देशभर के विशेषज्ञ यहां जुटेंगे
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला DREAM (Digital Research Empowerment and Advance in Humanities) इस पहल का पहला प्रमुख आयोजन है। 21–22 नवंबर को होने वाली इस कार्यशाला में देशभर के प्रमुख संस्थानों से विशेषज्ञ जुटेंगे।
मुख्य वक्ता के रूप में IIT Bombay के प्रो. विनोद विद्वांस शामिल होंगे, जो एआइ आधारित संगीत प्रणालियों — भारती, एआइ ताला, एआइ रागा जेन और भारत वीणा — के निर्माता (AI music systems) हैं।
कार्यशाला में IIT इंदौर, IIT जोधपुर और अन्य राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ भी हिस्सा लेंगे। यह आयोजन छत्तीसगढ़ को डिजिटल ह्यूमैनिटीज रिसर्च नेटवर्क (research network expansion) का सक्रिय सदस्य बनाएगा।
शोध और नवाचार के लिए नई संभावनाएं
निदेशक डॉ. ओमप्रकाश व्यास ने कहा कि डिजिटल ह्यूमैनिटीज केंद्र तकनीक और संस्कृति को एक साथ जोड़ते हुए नए शोध अवसर खोलेगा। यह पहल न केवल छात्रों के लिए नए अध्ययन–क्षेत्र तैयार करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर इंटरडिसिप्लिनरी शोध का प्रमुख केंद्र भी बनाएगी।
विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले वर्षों में प्रदेश में –
सांस्कृतिक डेटा आर्काइव, डिजिटल संगीत प्रयोगशालाएं, एआई–समर्थित भाषा अनुसंधान, और मानविकी–तकनीक आधारित नवाचार परियोजनाएं (interdisciplinary research growth) शुरू होने की संभावना है।
प्रदेश को यह सब मिलेंगे
राष्ट्रीय डिजिटल ह्यूमैनिटीज नेटवर्क में नई पहचान
एआइ और संस्कृति आधारित संयुक्त शोध के अवसर
छात्रों के लिए नए इंटरडिसिप्लिनरी कोर्स
कला–संस्कृति संरक्षण में तकनीकी सहयोग
IIT और राष्ट्रीय संस्थानों के साथ निरंतर अकादमिक साझेदारी
