Agristack Registration Extension : एग्रीस्टैक पोर्टल में अब पंजीयन 15 तक, कृषि मंत्री के निर्देश पर पंजीयन की तिथि में वृद्धि

Agristack Registration Extension

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किसान अब अपने रकबे, फसल पैटर्न, बोवनी एवं अन्य कृषि संबंधी जानकारी एग्रीस्टैक पोर्टल में 15 दिसंबर तक दर्ज (Agristack Registration Extension) करा सकेंगे। पहले अंतिम तिथि 31 अक्टूबर थी, परंतु किसानों द्वारा लगातार आ रही तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।

कृषि विकास व जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने पंजीयन सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से सभी कलेक्टरों को समिति लॉगिन सुविधा उपलब्ध कराने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ।

कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने एग्रीस्टैक पंजीयन में समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को समीक्षा कर तत्काल समाधान के निर्देश जारी किए थे। किसानों द्वारा की गई शिकायतों में खसरा प्रविष्टि प्रदर्शित नहीं होना, वारिस पंजीयन का विकल्प अनुपलब्ध होना, तथा महाल ग्रामों का डाटा एग्रीस्टैक में उपलब्ध न होना जैसी समस्याएँ प्रमुख रूप से सामने आई थीं।

विभाग के अनुसार कैरीफॉरवर्ड, डूबान एवं वन पट्टाधारी किसानों को भी पंजीयन (Agristack Registration Extension) में शामिल करने के उद्देश्य से तिथि बढ़ाई गई है।

साथ ही मंत्रालय, महानदी भवन से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि तकनीकी अड़चनों के निराकरण के लिए तहसीलदारों एवं समितियों के अधीन कृषि विभाग के नोडल अधिकारियों को सक्रिय रूप से कार्य करना होगा, ताकि किसान बिना बाधा अपना विवरण दर्ज कर सकें ।

कुछ जिलों में किसान पंजीयन (Agristack Registration Extension) विवरण में खसरों की प्रविष्टि एकीकृत किसान पोर्टल में नहीं दिख रही थी, जबकि अनेक मामलों में पंजीकृत किसानों के निधन के बाद वारिस पंजीयन का विकल्प भी सक्रिय नहीं था।

इन गंभीर समस्याओं के समाधान हेतु विभाग ने निर्देश जारी कर तकनीकी सुधार, डेटा उपलब्धता, और किसान वारिस अपडेट प्रक्रिया को तेज करने की बात कही है। एग्रीस्टैक पोर्टल एवं एकीकृत किसान पोर्टल के समन्वय से भविष्य में फसल डेटा मैपिंग, सहायता योजनाओं का वितरण और लाभार्थी पहचान अधिक सटीक एवं तेज होने की उम्मीद है ।

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