Video:सिंहदेव के वापसी के बाद ढाई साल फार्मूले पर फिर पकड़ी रफ़्तार, अब इंतजार निर्णय का, भले देर सही….

Video:सिंहदेव के वापसी के बाद ढाई साल फार्मूले पर फिर पकड़ी रफ़्तार, अब इंतजार निर्णय का, भले देर सही….

After the return of Singhdev, the speed again caught on the formula for two and a half years, now waiting for the decision, even if it is too late

रायपुर/नवप्रदेश। TS Singhdeo:छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रहा खिंचतान अभी भी जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में हाई कमान से चर्चा के बाद अपने 54 समर्थकों के साथ रायपुर लौटे। उन्होंने मीडिया से बड़े ही बिंदास अंदाज में ऑल इस वेल कहा। लेकिन शनिवार की देर शाम जैसे ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली से रायपुर लौटे और मीडिया को बयान दिया तो छत्तीसगढ़ की निगाहें आलाकमान के फैसले की तरफ दौड़ने लगीं। एक ही दिन में दोनों बड़े नेताओं की बॉडी लैंगुएज से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में कुछ बड़ा तो होगा।

दिल्ली से लौटते ही रायपुर एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जैसे ही पहुंचे उनके समर्थकों ने बाबा और राहुल गाँधी के नाम जोरदार नारे लगाए। साथी ही अपने आका का शॉल श्रीफल से स्वागत भी किया। हालांकि समर्थकों की संख्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के स्वागत की तरह भले ही न हो लेकिन कमतर भी नहीं माना जा सकता। सिंहदेव अपने सौम्य स्वभाव के ही तरह सभी का अभिवादन स्वीकार किया और हँसते हुए बिना किसी पर टिप्पणी किये मीडिया के सवालों का बड़े ही सरलता के साथ नपे तुले शब्दों के साथ जवाब भी दिया।

ढाई साल का फार्मूला बरकरार

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) ने कहा की वे 28 दिन तक छत्तीसगढ़ से कई कारणों से दूर रहे। इस दौरान उन्होंने वही काम किया जो उन्हें हाई कमान ने सौंपा था। जब वे दिल्ली में थे तो राहुल गाँधी से मुलाकात भी हुई। इस दौरान उन्होंने अपने मन की बात राहुल गांधी के सामने भी रखा। जिसका प्रतिफल बहुत जल्द मिलने की संभावना भी सिंहदेव ने जताई। हाईकमान का जो फैसला होगा वह सर्वमान्य होगा।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, कि एक ही चीज़ स्थायी है “परिवर्तन”। आलाकमान ने फैसला सुरक्षित रखा है। स्वास्थ्य मंत्री ने रायपुर लौटकर मीडिया से चर्चा के दौरान इशारों इशारों में ही यह समझा दिया कि दिल्ली में हुई मैराथन बैठक में कोई भी निर्णय नहीं निकला है। अभी भी हाईकमान के मार्गदर्शन का इंतजार है, जो कभी भी किसी भी वक्त आ सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ फैसले लेने में समय लगता है। लेकिन हंसते हुए यह भी कह दिया कि इसके लिए अब 2 साल का इंतजार नहीं करना होगा यानी उनकी बातों को माना जाए तो छत्तीसगढ़ दौरे में आने से पहले या बाद राहुल गांधी ढाई साल के फार्मूले पर अपना निर्णय दे सकते हैं।

संगठन से कभी गद्दारी नहीं-सिंहदेव

सिंहदेव ने बड़े ही संजीदगी से मीडिया के सभी सवालों का जवाब दिया। विधायक बृहस्पत सिंह के बयान ग्वालियर के महाराजा की तरह काम नहीं करेंगे पर सिंहदेव पर बाबा ने कहा कि वे सिंधिया के नक्शे कदम पर बिल्कुल नहीं चलेंगे। वहीँ बृहस्पत सिंह के द्वारा सिंहदेव को होशियार आदमी कहे जाने वाले बयान पर खिलखिलाते हुए उन्होंने कहा कि यह बृहस्पत सिंह का मेरे प्रति प्यार है।

दिल्ली पहुंचे विधायकों पर पार्टी का संज्ञान

सिंहदेव की माने तो अटकलों का बाजार गर्म है उन से हटकर अभी आलाकमान से चर्चा के बाद केवल और केवल काम पर ध्यान देना है,जो प्रदेश की जनता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि 54 विधायक दिल्ली गए थे, उन्हें बुलाया नहीं गया था। प्रभारी पुनिया ने भी विधायकों को दिल्ली आने मना किया था, लेकिन सभी विधायक हाईकमान से मिलना चाह रहे थे,यह उनका प्रेम है। सिंहदेव ने कहा हालांकि हाईकमान ने इसे संज्ञान में भी लिया है कि वे बिना बुलाए ही दिल्ली दौरे पर थे। बिना बुलाए विधायकों का पहुंचना हाईकमान के सामने सवालिया निशान भी लगाता है जैसे कि सिंहदेव (TS Singhdeo) के बयान से इनपुट मिल रहा है।

भाजपा को दिया जवाब

सिंहदेव ने भाजपा के आरोप कि प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के कारण कोई काम नहीं हो रहा है का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा अनर्गल प्रलाप कर रही है। ऐसा कोई काम प्रदेश में नहीं जो अटका पड़ा है। सभी काम सभी विभागों के मंत्री और अधिकारीयों के तालमेल से सुचारु रूप से चल रहा है। मंत्री सींग देव ने कहा कि वे जब भी प्रदेश के बहार रहे लेकिन काम काज को लेकर जानकारी लेते रहे। उन्होंने कहा कि रविवार से ही समीक्षा बैठकों का दौर उनके सभी विभागों का होगा,ताकि कोई भी काम प्रभावित न हो।

टीएस सिंहदेव के बयानों से उनके समर्थकों के चेहरों पर फिर से चमक आती हुई दिख रही है। ऐसे में आने वाले समय में छत्तीसगढ़, राजनीतिक घटनाक्रम का साक्षी जरूर बनेगा। हो सकता है कि टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) को कप्तान की भूमिका ना मिले तो उप कप्तान से भी नकारा नहीं जा सकता। वही राजनीति के कयासों में सिंहदेव के मस्तक पर ताज पहनाना कोई बड़ी बात नहीं होगी।

देखिये वीडियो-

https://youtu.be/jGkB5K4K1oU

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