आज का बेबाक : मिलावटी मिठाइयों की पोल खुलने के बाद सोनपापड़ी की पूछपरख बढ़ गई
Adulterated sweets, the scrutiny of Sonpapadi increased: कैडबरी कंपनी करोड़ों रुपए विज्ञापन पर खर्च करके भी वो मकबूलियत हासिल नहीं कर पाई। जो बगैर किसी विज्ञापन के सोनपापड़ी को हासिल है।
सस्ती, सुंदर, शुद्ध और टिकाऊ मिठाई सोनपापड़ी को सोशल मीडिया पर ट्रोल कराया जाता है। उसका मजाक उड़ाया जाता है। इसके बावजूद मिठाई के बाजार में सोनपापड़ी की मांग बनी हुई है।
जबसे मिलावटी मिठाइयों की पोल खुली है। तब से सोनपापड़ी की पूछपरख और बढ़ गई है। अब तो आलम यह है कि दीपावली पर लोग कुछ मीठा हो जाए की जगह यह कहते हैं कि – सोनपापड़ी हो जाए।