Adani Group: अगले 2-3 साल में रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को खरीदने की तैयारी में, बनाया 2.5 अरब डॉलर का वॉर चेस्ट
-रक्षा क्षेत्र में दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे अडानी
मुंबई। Adani Group: भारत के दिग्गज बिजनेसमैन गौतम अडानी की कंपनी अडानी डिफेंस अपनी तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना चाहती है। अब कंपनी मानवरहित प्रणाली, छोटे हथियार, मिसाइल और स्वदेशी तोपखाने आदि के काम में उतरना चाहती है। यह बात सामने आई है कि गौतम अडानी गु्रप ने रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों को खरीदने के लिए 2.5 अरब डॉलर का वॉर चेस्ट तैयार किया है। गौतम अडानी ग्रुप अगले दो-तीन साल में रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को खरीदने की तैयारी में है।
ड्रोन तकनीक कंपनियों पर एक नजर
गौतम अडानी गु्रप (Adani Group) की अडानी डिफेंस कंपनी के रडार पर कई ड्रोन टेक कंपनियां हैं। बेंगलुरु स्थित ये ड्रोन कंपनियां गौतम अडानी डिफेंस के नेटवर्क में शामिल हो सकती हैं। इस मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। आने वाले महीनों में ड्रोन तकनीक कंपनियों को बड़ी डील मिल सकती है।
यूएई के एज ग्रुप के साथ समझौता
अदानी डिफेंस और एयरोस्पेस ने संयुक्त अरब अमीरात स्थित एज गु्रप के साथ एक सहयोग समझौता किया था। यह समझौता रक्षा और सुरक्षा के लिहाज से किया गया है। इस समझौते के मुताबिक मिसाइलों और हथियारों पर काम किया जाएगा। फरवरी महीने में अडानी डिफेंस ने जानकारी दी थी कि उसने बड़ा निवेश किया है।
कंपनी अगले 10 साल में इस सेक्टर में भारी निवेश (Adani Group) करने जा रही है। समझौते का उद्देश्य दोनों कंपनियों की रक्षा और एयरोस्पेस क्षमताओं का लाभ उठाकर अपने संबंधित उत्पाद पोर्टफोलियो को संयोजित करना और वैश्विक स्तर के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर सेवाएं प्रदान करके रक्षा उत्पादों के लिए एक वैश्विक मंच स्थापित करना है।
कानपुर में 500 एकड़ का गोला बारूद पार्क
फरवरी में कंपनी ने कानपुर में 3,000 करोड़ रुपये की यूनिट लॉन्च की थी। यह 500 एकड़ में फैला हुआ है। यह सुविधा सुरक्षा बलों द्वारा उपयोग किए जाने वाले छोटे, मध्यम और बड़ी क्षमता वाले हथियारों का निर्माण करेगी। इसे दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा गोला-बारूद और मिसाइल परिसर कहा जाता है।
अडानी गु्रप (Adani Group) रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले डिफेंस काउंटर ड्रोन सिस्टम बनाने की भी तैयारी कर रहा है। यह बताया गया है कि गौतम अडानी समूह अब उन्नत तकनीक की तलाश में है और अधिग्रहण के माध्यम से अपनी क्षमताओं का विस्तार करना चाहता है।