Accidents in Schools : एक्सपर्ट्स ने स्कूलों में दुर्घटनाओं को रोकने विभिन्न पहलुओं पर की व्याख्या
रायपुर/फरवरी। Accidents in Schools : स्कूलों में आपदा प्रबंधन के तहत संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिना समय गवाएं तत्काल प्राथमिक उपचार की व्यवस्था और बचाव के उपाय की जानकारी होना जरूरी है।
घर और स्कूल पहुंचकर तुरंत प्रयास करेंगे
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने बीएड कॉलेज रायपुर में शाला सुरक्षा (Accidents in Schools) एवं व्यक्तिगत सुरक्षा विषय पर आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण के समापन पर कहा कि यह प्रशिक्षण तभी सफल हो जब हम अपने संभावित ऐसी दुर्घटनाएं जिन पर हमारा ध्यान नहीं जाता उन्हें रोकने में कम से कम एक प्रयास घर और स्कूल पहुंचने के तत्काल बाद करेंगे। प्रशिक्षण में आपदा प्रबंधन एवं व्यक्तिगत सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं को मॉकड्रील के माध्यम से बताया गया। प्रशिक्षण में राज्य के सभी जिलो से 125 प्रतिभागी शामिल हुए।
समय बर्बाद किए बिना त्वरित प्राथमिक चिकित्सा के तरीके
प्रशिक्षण में संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिना समय गवाएं तत्काल प्राथमिक उपचार किए जाने के तरीके बताए गए। गैस सिलेण्डर फटने, आग लगने पर, बाल शोषण, शारीरिक शोषण इत्यादि के संबंध में जानकारी दी। सतत विकास लक्ष्य के बिन्दुओं के बारे में भी बताया गया प्रतिभागियों को योग प्रशिक्षण भी दिया गया। यूनिसेफ की ओर से सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण मॉडयूल पेनड्राइव में उपलब्ध कराया गया।
इस अवसर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के सहायक प्राध्यापक ए.के. सारस्वत, डॉ. विद्यावती चन्द्राकर, राज्य साक्षारता मिशन के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पाण्डेय, प्रशिक्षण प्रभारी सुनील मिश्रा, यूनिसेफ और अर्पण संस्था के विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे। एससीईआरटी तथा समग्र शिक्षा द्वारा आयोजित इस पॉच दिवसीय प्रशिक्षण में यूनिसेफ और अर्पण संस्था ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
उल्लेखनीय है राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के दौरान स्कूल शिक्षा (Accidents in Schools) और साक्षरता विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव मनीष गर्ग, संचालक लोक शिक्षण सुनील जैन, यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जाब जकारिया ने भी प्रतिभागियों से चर्चा की।
प्रशिक्षण में अर्पण फाउंडेशन की सोनाली माहेश्वरी, वंदना चौहान, आसिफ झा, विशाल वासवानी, डॉ श्रवण कुमार सिंह, डॉ श्याम कुमार ने प्रशिक्षण दिया। प्रतिभागियों में सीमांचल त्रिपाठी, आशीष पटेल, केसरीन बैग, नीलम साहू, नीता बघेल, पूनम बिचपूरिया ने अपने विचार साझा किए।