संपादकीय: विपक्षी नेताओं की बेतुकी बयानबाजी

संपादकीय: विपक्षी नेताओं की बेतुकी बयानबाजी

Absurd statements of opposition leaders

Absurd statements of opposition leaders


Editorial: Absurd statements of opposition leaders: लोकसभा चुनाव के परिणामों को विपक्षी पार्टियां पचा नहीं पा रही है। यद्यपि आईएनडीआईए को इस बार बड़ी सफलता मिली है। किन्तु वह सरकार बनाने से चूक गई। जबकि एनडीए तीसरी बार सरकार बनाने में सफल हो गई है।

एनडीए की यह हैट्रिक आईएनडीआईए में शामिल पार्टियों को फूटी आंख नहीं सुहा रही है। यही वजह है कि विपक्षी नेता इस जनादेश को लेकर बेतुकी बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे ने बयान दिया है कि मोदी सरकार गलती से बनी है। यह अल्पमत सरकार है जो कभी भी गिर जाएगी। खरगे ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि मोदी सरकार किस की गलती से बनी है।

देश के मतदाताओं ने एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिया है। यह बात अलग है कि भाजपा को अकेले अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं हुआ है। लेकिन भाजपा 240 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। आईएनडीआईए के सभी दलों को मिलाकर भी 240 सीटों से कम ही सीटें मिली है। जाहिर है जनादेश एनडीए के पक्ष में है और इसका सभी विपक्षी पार्टियों को सम्मान करना चाहिए।

देश की जनता ने आईएनडीआईए(Absurd statements of opposition leaders) को मजबूत विपक्ष के रूप में चुना है। इसलिए उन्हें अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से निभाने की बात सोचनी चाहिए। किन्तु विपक्षी नेता लगातार एनडीए सरकार के निकट भविष्य में गिरने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को तो यह जनादेश इस कदर नागवार लगा है कि जिस दिन प्रधानमंत्री तीसरी बार नरेन्द्र मोदी और उनके मंंित्रमंडल के सदस्य राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण कर रहे थे उस दौरान ममता बनर्जी अपने सीएम आवास की सारी बत्तियां बुझा कर अंधेरे में बैठी थी। लोकतंत्र में किसी जनादेश का इससे बड़ा अपमान शायद ही कभी किसी ने किया हो।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव तक सभी विपक्षी नेता एक ही राग अलाप रहे हैं कि एनडीए की सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी। उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत तो और भी दो कदम आगे बढ़ गए उनका कहना है कि भाजपा यदि अपना लोकसभा अध्यक्ष बना देगी तो वह अपनी अल्पमत की सरकार को बहुमत में लाने के लिए एनडीए में शामिल अपने घटक दलों तेलुगुदेशम, जदयू और चिराग पासवान की पार्टियों को तोड़ देगी। बड़ा बोल बोलते हुए संजय राउत ने भाजपा पर यह आरोप भी लगाया है कि वह जिस थाली में खाती है। उसी में छेद करती है।

विपक्षी नेताओं के इस तरह के बेतुके बयानों से साफ हो जाता है कि एनडीए की सरकार उनकी आंखों की किरकिरी बन गई है और वे उस बिल्ली की तरह भाग्य से छींका टूटने का इंतजार कर रहे हैं। जिसे आखिरकार निराशा ही हाथ लगती है। कांग्रेस के एक नेता ने तो एनडीए सरकार के गिरने का दावा करते हुए अपने कार्यकर्ताओं से मध्यवधी चुनाव करने की तैयारी करने का आव्हान कर डाला है। यह वहीं कांग्रेस पार्टी है जिसने 150 से 200 सीटें पाकर भी अपनी सरकार चलाई थी।

भाजपा को तो फिर भी 240 सीटें मिली हैं और उसके सहयोगी दल पूरी मजबूती के साथ उसके साथ खड़े हुए है। ऐसे में इस सरकार के गिरने की फिलहाल कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। फिर भी विपक्ष के नेता यदि मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं तो इस बारे में क्या कहा जा सकता है।

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