संपादकीय: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का बेतुका बयान
Absurd statement of PDP chief Mehbooba Mufti: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती जो पहले भी पाकिस्तान की भाषा बोलती रही हैं और आतंकवादियों की वकालत करती रही हैं।
उन्होंने एक बार फिर बेतुका बयान दिया है। इजराइल ने हिजबुल्लाह के चीफ नसरल्लाह को मार गिराया है। इस घटना से भारत का दूर -दूर तक कोई संबंध नहीं है। किन्तु महबूबा मुफ्ती ने नसरल्लाह को शहीद बता दिया है।
यही नहीं बल्कि उन्होंने उसकी मौत पर गहरा दुख जताते हुए अपने एक दिन के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे। महबूबा मुफ्ती के समर्थकों ने कश्मीर घाटी में नसरल्लाह के मारे जाने की घटना के खिलाफ रैली निकाली और आपत्तिजनक नारे भी लगाए। यह वहीं महबूबा मुफ्ती है जो पाकिस्तान के साथ बातचीत की पैरोकारी करती रही हैं।
जब जम्मू कश्मीर से 370 के खात्में की कवायद की जा रही थी। तब महबूबा मुफ्ती ने यह भड़काऊ बयान दिया था कि यदि जम्मू कश्मीर से 370 का खात्मा किया गया तो कश्मीर में खून की नदियां बह जाएंगी और कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं मिलेगा।
आज कश्मीर में जगह -जगह तिरंगा लहरा रहा है और 370 के खात्में के बाद कहीं कोई हिंसक घटना नहीं हुई है। उल्टे 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर से पत्थरबाज गैंग का सफाया हो गया है और अलगाववादी ताकतों की कमर भी टूट गई है।
जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं भी अब कम हो रही हैं। इसके बावजूद महबूबा मुफ्ती जिनकी सियासी जमीन खिसक चुकी हैं । वे इसी तरह की आपत्तिजनक बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रही हैं।
इजराइल की कार्यवाही से भारत का कोई लेना देना नहीं है। फिर भी महबूबा मुफ्ती इस घटना को लेकर बेवजह विधवा विलाप कर रही हैं। जम्मू कश्मीर के ही एक और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी बयान दिया है कि इजराइल पर भारत को दबाव बनाना चाहिए उनका कहना है कि चाहे गाजा पर हमला हुआ हो या लेबनान में हमला हुआ।
यह सब बंद होना चाहिए और इसके लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा विश्व के अन्य नेताओं को इजराइल पर दबाव बनाकर वहां शांति स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। इन दोनों ही नेताओं के बयानों से साफ है कि वे इजराइल को लेकर अपने सियासी रोटियां सेंकना चाहते हैं।