राजस्थान का एक मंदिर, जहां 1 महीने में 23 करोड़ का दान आया; नोटों की गिनती में पांच दिन लगे

राजस्थान का एक मंदिर, जहां 1 महीने में 23 करोड़ का दान आया; नोटों की गिनती में पांच दिन लगे

A temple in Rajasthan, where donations of 23 crores came in 1 month; It took five days to count the notes

Krishna Dham Shri Sanwalia Seth Temple

-मासिक दान पेटी 28 जनवरी को मंदिर प्रशासनिक अधिकारी, मंडल अध्यक्ष और सदस्यों की उपस्थिति में खोली गई

चित्तौडग़ढ़। Krishna Dham Shri Sanwalia Seth Temple: राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ के मेवाड़ क्षेत्र में प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ मंदिर का मासिक दानपात्र खोल दिया गया है और 5 चरणों में दान की राशि की गिनती की गई है। इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं और मंदिर के दानपात्र में उदारतापूर्वक दान भी करते हैं। दानपात्र में दान आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, तथा मंदिर प्रशासन नया दानपात्र बनाने पर काम कर रहा है।

इस वर्ष दान पेटी खुलने के बाद बड़ी मात्रा में उपहार, नकद और ऑनलाइन दान की राशि लगभग 22 करोड़ 92 लाख 13 हजार 317 रुपये निकली। इतना ही नहीं मंदिर (Krishna Dham Shri Sanwalia Seth Temple) में भगवान को 665 ग्राम सोना और 133 किलो 654 ग्राम चांदी भी चढ़ाई गई है। मासिक दान पेटी 28 जनवरी को मंदिर प्रशासनिक अधिकारी, मंडल अध्यक्ष और सदस्यों की उपस्थिति में खोली गई।

प्रथम चरण में 8 करोड़ 8 लाख रूपये की गणना की गई। फिर चूंकि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या थी, इसलिए गणना नहीं की गई। दूसरे चरण में 30 जनवरी को 4 करोड़ 54 लाख 5 हजार की गणना की गई। तीसरे चरण में 31 जनवरी को 3.7 करोड़ की गणना की गई। चौथे चरण में कुल 16 करोड़ 32 लाख 5 हजार रुपए दान किए गए हैं।

665 ग्राम सोना, 133 किलो चांदी भी दान

गिनती के पांचवें चरण में मंदिर को मिले उपहारों और ऑनलाइन दान की गिनती की गई। इसमें से 5 करोड़ 92 लाख 53 हजार 417 रुपए प्राप्त हुए। इसके परिणामस्वरूप मंदिर (Krishna Dham Shri Sanwalia Seth Temple) के मासिक दान पेटी और उपहारों से कुल 22.92 करोड़ रुपये एकत्र हुए। इसके अलावा सोना-चांदी की भी गिनती की गई, जिसमें 665 ग्राम सोना और 133 किलो 654 ग्राम चांदी भगवान को भेंट स्वरूप चढ़ाई गई।

इस बीच पिछले महीने भी मासिक दान पेटी से करीब 23 करोड़ रुपये एकत्र हुए थे। दानपात्रों में श्रद्धालुओं द्वारा दी जाने वाली दान राशि दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मंदिर प्रशासन ने इस राशि का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए इसे धार्मिक, विकास एवं सामाजिक कार्यों में लगाने का निर्णय लिया है।

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