संपादकीय: बिहार में राजद के वोट बैंक में सेंध
A breach in RJD’s vote bank: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल को बिहार में करारा झटका लगा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में उसकी सत्ता में वापसी की संभावना क्षीण हुई है।
इसकी एक वजह तो यह है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं। पिछले दो साल से वे जन सुराज नामक पार्टी के माध्यम सेे बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं जिसका समापन वे 2 अक्टूबर को करेंगे और उसी दिन नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करेंगे।
प्रशांत किशोर ने अभी से यह ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी 247 सीटों वाली विधानसभा में 75 मुस्लिमों को टिकट देगी। यह प्रशांत किशोर का मास्टर स्ट्रोक है। गौरतलब है कि बिहार में 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है जो अब तक राष्ट्रीय जनता दल के साथ रही है।
यदि यह वोट बैंक खिसक जाता है तो राष्ट्रीय जनता दल को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रीय जनता दल (A breach in RJD’s vote bank) से 37 प्रतिशत दलित वोट भी छिटक सकते हैं क्योंकि इनपर भी प्रशांत किशोर की नजर है। वे कुशल चुनावी रणनीतिकार रहे हैं।
इसलिए वे सोच समझकर राजनीतिक बिसात पर चाल चल रहे हैं। प्रशांत किशोर की नई राजनीतिक पार्टी विधानसभा चुनाव में कितनी सफलता प्राप्त करेगी। यह तो खैर आने वाला वक्त ही बेहतर बताएगा लेकिन वे राष्ट्रीय जनता दल का खेल जरूर बिगाड़ेंंगे यह अभी से स्पष्ट नजर आ रहा है।
इसका ज्वलंत प्रमाण राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का वह पत्र है। जिसमें उन्होंने बिहार प्रदेश के राजद कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे प्रशांत किशोर की पार्टी से दूर रहे। इसका मतलब साफ है कि राजद के वोट बैंक में सेंध लगने जा रही है।