Alcohol in Train Engine : शराब तस्करों के नए कारनामे…ट्रेन के इंजन से शराब की बड़ी खेप जब्त…
डुमरांव/नवप्रदेश। Alcohol in Train Engine : बिहार में शराबबंदी और जहरीली शराब से मौतों के बावजूद इसकी तस्करी के लिए एक से बढ़कर एक तरकीब अपनाए जा रहे हैं। अब तक ट्रेन की बोगियों, पैंट्री कार और पार्सल वैन में शराब तस्करी के मामले सामने आते थे, इस बार इंजन से ही इसकी खेप बरामद हुई है।
3 बोरियों से 260 टेट्रा पैक बरामद
आरा-बक्सर रेलखंड पर स्थित डुमरांव स्टेशन पर (Alcohol in Train Engine) जांच के दौरान रेल पुलिसकर्मी ने 03204 डाउन डीडीयू-पटना मेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन के इंजन से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब की खेप बरामद की है। यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से पटना के बीच चलती है।
दोपहर 12 बजकर 39 मिनट में ट्रेन के रुकते ही डुमरांव स्टेशन पर जीआरपी पोस्ट प्रभारी अजय सिंह यादव के नेतृत्व में जीआरपी व आरपीएफ के जवानों ने मेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन के आगे से दूसरे इंजन को चारों ओर से घेर लिया। दरअसल, मेमू ट्रेन सेट के बीच में भी इंजन लगे होते हैं, जो सामने वाले इंजन से ही संचालित किए जाते हैं। यहां ट्रेन के रुकने के बाद रेल पुलिस कर्मियों द्वारा इंजन के लॉक को खोला गया। इसके कारण पैसेंजर स्पेशल 14 मिनट तक डुमरांव स्टेशन पर खड़ी रही।
रेल थानाध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव ने बताया कि तीनों बोरियों में कुल 260 पीस ऑफिसर्स चॉइस का टेट्रा पैक (180 एमएल) व्हिस्की बरामद हुई है। इसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। रेल पुलिस के इस अभियान में आरपीएफ के सुजीत कुमार एवं संजीत कुमार सिंह तथा जीआरपी के चंद्रमन यादव और मंगल सिंह मुख्य रूप से शामिल रहे।
रेल कर्मियों की भूमिका की आशंका
बताया जा रहा है कि रेल पुलिस को तस्करों द्वारा ट्रेन के बंद (Alcohol in Train Engine) इंजन में शराब ले जाने की सूचना मिली थी। इसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इसे रेल पुलिस की अच्छी उपलब्धि मानी जा रही है। शराबबंदी के बावजूद तस्कर तरह-तरह का जुगाड़ लगाकर लगातार शराब तस्करी के धंधे को अंजाम दे रहे हैं। इसमें जिम्मेवार लोगों की भूमिका संदेह के घेरे में हैं। वहीं ट्रेन के लॉक इंजन में शराब मिलने की इस घटना में रेल कर्मियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता।