Bilaspur Suicide Breaking : सुसाइड मामले में NHRC ने लिया स्वत: संज्ञान...DGP अशोक जुनेजा को नोटिस...4 सप्ताह में मांगा जवाब

Bilaspur Suicide Breaking : सुसाइड मामले में NHRC ने लिया स्वत: संज्ञान…DGP अशोक जुनेजा को नोटिस…4 सप्ताह में मांगा जवाब

Bilaspur Suicide Breaking: NHRC took suo motu cognizance in the suicide case...Notice to DGP...Sought answer in 4 weeks

Bilaspur Suicide Breaking

बिलासपुर/नवप्रदेश। Bilaspur Suicide Breaking : बिलासपुर में आत्महत्या के मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में राज्य के डीजीपी अशोक जुनेजा को नोटिस भेजते हुए 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित पीड़ित परिवार को कोई राहत दी गई है या नहीं, के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया है। दरअसल पिछले दिनों बिलासपुर में एक युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

यह है राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट (Bilaspur Suicide Breaking) का स्वत: संज्ञान लिया है कि एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली है, क्योंकि वह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मियों द्वारा अपने पिता को बेरहमी से पीटते हुए देखने का अपमान सहन नहीं कर सका।आयोग ने देखा है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो पीड़ितों के जीवन और गरिमा के अधिकार का उल्लंघन है।

जाहिर तौर पर, किसी को बाइक से टक्कर मारने का यह एक मामूली मामला था लेकिन पुलिस द्वारा शक्ति के दुरुपयोग के कारण, उसने न केवल पीड़ित के पिता को अवैध रूप से गिरफ्तार कर हिरासत में लिया, बल्कि उसे बुरी तरह पीटा भी, जैसा कि समाचार रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। बेटे ने अपने पिता को पुलिस द्वारा पिटते हुए देखकर अपमान सहा और शर्मिंदगी के मारे आत्महत्या कर ली। पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया है।

आयोग ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित पीड़ित परिवार को कोई राहत दी गई है या नहीं, के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है ।इस बीच, आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अपने विशेष प्रतिवेदक उमेश कुमार शर्मा को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने के लिए कहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि डी.के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य 1997 (1) SCC 416 में उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देशों का संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों द्वारा कैसे उल्लंघन किया गया है और उन दोषी लोक सेवकों का पता लगाने के लिए भी कहा गया है, जिन्‍होंने कथित पीड़ित को यातनाएं दी, जो संवैधानिक रूप से निषिद्ध है और यातना के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र अनुबंधों (Bilaspur Suicide Breaking) के मुख्य सिद्धांतों के विरुद्ध है।

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