CM in Gram Chhuriya : सीएम ने भीड़ में पूछा- किसका राशन कार्ड अब तक नहीं बना…बस फिर क्या…CMO की लगी क्लास… देखें क्या दिया जवाब
छुरिया/नवप्रदेश। CM in Gram Chhuriya : भेंट-मुलाकात के यात्रा की इसी कड़ी में सीएम भूपेश बघेल आज विधानसभा खुज्जी, गांव छुरिया पहुंचे। जैसे ही वे वहां हेलीकॉप्टर से उतरे, कॉलेज की छत पर खड़े छात्रों ने उत्साह से सीएम का स्वागत करने के लिए आवाज लगाई। मुख्यमंत्री ने भी उसी उत्साह से हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया।
सीएमओ के जवाब से संतुष्ट आगे कार्रवाई के निर्देश
उसके बाद सीएम अपनी बैठक स्थल पर गए। वहां उन्होंने सबसे पहले (CM in Gram Chhuriya) भीड़ को संबोधित करते हुए राशन कार्ड को लेकर पूछा-अब तक किनका राशन कार्ड नहीं बना है? सीएम का इतना बोलना था कि, झोंक निवासी जामुन बाई तुरंत उठी और बोली- मेरा राशन कार्ड नहीं बन पाया है। उसी तरह छुरिया की शारदा सिन्हा ने बताया उनका भी राशन कार्ड नहीं बन पाया है। जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल नगर पंचायत के सीएमओ और बाबू को मंच पर बुलाकर राशन कार्ड नहीं बन पाने का कारण पूछा।सीएमओ ने बताया कि उक्त महिला के पास श्रमिक कल्याण कार्ड नहीं होने की वजह से बीपीएल कार्ड नहीं बन पा रहा है। मुख्यमंत्री ने आवेदन पर तत्काल एपीएल कार्ड बनाने के निर्देश दिए।
शारदा सिन्हा ने नलकूप से दूषित पानी आने की समस्या भी मुख्यमंत्री के सामने रखी। इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने पीएचई विभाग को जाँच कर रिपोर्ट से अवगत कराने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान छात्रा तूलिका साहू और 12वीं के छात्र सार्थक साहू ने मुख्यमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ी में पूछे गए सवालों का फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी में जवाब दिया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि प्रदेश में कोई भी बच्चा आर्थिक तंगी की वजह से अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल की शुरुआत की गयी है। वहीं हिंदी माध्यम में भी स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालन शुरू किया गया है। इस पहल से छत्तीसगढ़ के बच्चों को बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।
घर पर गोबर को रखने की समस्या हुई दूर
मुख्यमंत्री ने पूछा कि गोबर कौन-कौन बेचता है? इस पर ग्राम दैहान निवासी नरेश कुमार ने बताया कि घर पर मवेशी हैं तो सप्ताह में 3-4 क्विंटल गोबर बेचता हूँ। गोबर ख़रीदी की योजना से घर पर गोबर को रखने की समस्या भी दूर हुई और बदले में पैसे भी मिल रहे हैं, जिनसे घर की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम हुए हैं। किसान आकाश लोधी ने बताया खेत बेचने की नौबत आ गई थी। राज्य सरकार द्वारा ऋणमाफी किए जाने से 80 हज़ार रुपये का क़र्ज़ा माफ़ हुआ है। खेत भी बेचना नहीं पड़ा और अब दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के साथ ही सेकंड हैंड बाइक खरीदी है। आकाश ने मुख्यमंत्री के साथ भोजन करने की इच्छा जताई जिस पर मुख्यमंत्री ने उसे अपने साथ आने का निमंत्रण दिया।
CM भूपेश बघेल से बात करते हुए ऊंचाटोला के श्रवण कुमार ने बताया कि उनकी तीन एकड़ की खेती है। राज्य सरकार द्वारा ऋण माफ़ी में उनका 50 हज़ार रुपये का क़र्ज़ माफ़ हुआ है। वहीं धान बेचने के एवज़ में उनकी लागत का सही दाम मिल रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से मिले आदान सहायता से पैसे बच रहे हैं। इन पैसों को अब खेत को व्यवस्थित करने में लगाया जा रहा है। खेत को सजाने (CM in Gram Chhuriya) का कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री ने श्रवण की तारीफ़।