Parth And Arpita : ‘हमें हमारी जिंदगी जीने दें….’, जब कोर्ट में ये कहकर रोने लगे पार्थ और अर्पिता
कोलकाता, नवप्रदेश। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी बुधवार को जब कस्टडी बढ़ाए जाने को लेकर स्थानीय अदालत में पेश हुए, तो खुद के आंसू रोक ना पाए. कोर्ट से जमानत की अपील करते हुए उन्होंने खुद को ‘राजनीति का शिकार’ बताया और कहा कि उन्हें उनकी जिंदगी जीने दी जाए.
वहीं जब इस मामले में सह-आरोपी और पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी कोर्ट के सामने पेश हुईं, तो जैसे उनके सब्र का बांध टूट गया और वो फफक-फफक कर रोने लगीं. दोनों ही लोग कोर्ट में वर्चुअल माध्यम से हाजिर हुए.
ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में छापा मारने के बाद अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से करीब 50 करोड़ रुपये का कैश जब्त किया था. इसके बाद मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में रखा गया था. दोनों की न्यायिक हिरासत का वक्त खत्म होने को है, इसलिए ईडी ने दोनों को बुधवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया.
कोर्ट में पेशी के वक्त पार्थ चटर्जी अचानक से रोने लगे. उन्होंने जज से कहा- ‘मैं आम लोगों के बीच मेरी छवि को लेकर बहुत चिंतित हूं. मैं इकोनॉमिक्स ऑनर्स का छात्र रहा हूं, मंत्री बनने से पहले नेता प्रतिपक्ष था. मैं राजनीति का शिकार हुआ हूं. ईडी मेरे घर और मेरे विधानसभा क्षेत्र जाए, मेरे बारे में पता करे. मैं एलएलबी पढ़ा लिख हूं,
मुझे ब्रिटिश स्कॉलरशिप मिली. मेरी बेटी ब्रिटेन में रहती है. मैं इस तरह के घोटाले में कैसे शामिल हो सकता हूं.आखिर में उन्होंने अदालत से उन्हें जमानत देने की गुजारिश की. उनके वकील ने भी यही बात दोहराई और पार्थ चटर्जी ने कोर्ट से कहा कि कृप्या मुझे मेरी जिंदगी जीने दी जाए बस.’
पार्थ चटर्जी की सुनवाई के बाद अर्पिता मुखर्जी कोर्ट में पेश हुईं. उन्होंने जज से कहा कि उनके घर से ईडी ने इतने सारे रुपये कहां से और कैसे बरामद किए, उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
इस पर जज ने उनसे कई सवाल पूछे. जज ने अर्पिता से पूछा कि ये पैसा कहां से बरामद हुआ, अर्पिता बोलीं- उनके घर से. फिर जज ने पूछा कि क्या आप उस घर की मालकिन हैं. अर्पिता ने कहा-हां और जज ने कहा कि फिर कानून के हिसाब से आपकी जवाबदेही बनती है.
अर्पिता ने कोर्ट में अपनी बीमार मां का हवाला दिया. साथ ही बोलीं कि वो एक फिल्म स्टार हैं. उन्हें नहीं पता कि ये पैसा कहां से आया. वो एक मध्यम वर्ग परिवार से आती हैं.
उन्होंने ईडी के उनके घर छापा मारने पर सवाल खड़ा किया, तो कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास छापा मारने के लिए कानूनी शक्तियां हैं. इस पूरी बहस के दौरान अर्पिता मुखर्जी के आंसू रुके ही नहीं.