Collector Jandarshan : जब गुस्से और तनाव के बदले कलेक्टर ने घोल दी मिठास, जानें…?
जांजगीर-चाम्पा/नवप्रदेश। Collector Jandarshan : आमतौर पर लोगों की ऐसी कई समस्याएं होती है, जिनके समाधान के लिए वे अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों के पास अपना आवेदन लेकर पहुचते हैं। यह समस्याएं व्यक्तिगत व सार्वजनिक होती है। स्वाभाविक है कि कई बार कुछ समस्याएं गुस्से और तनाव को पैदा करती है। कलेक्टर जनदर्शन में भी कई ऐसे लोग आते हैं, जो गुस्से व तनाव में होते हैं और वे किसी समस्या का तत्काल ही निराकरण चाहते हैं। बहरहाल किसी भी समस्या या किसी की शिकायत का निराकरण तभी सम्भव है जब उससे जुड़ी सभी बिंदुओं पर जाँच हो जाए। इसके लिए कुछ समय लगना भी लाजिमी है।
चॉकलेट के साथ जनता के बीच बैठने वाले कलेक्टर
जिले के संवेदनशील कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा शायद यह सब भलीभांति जानते और समझते भी है कि किसी भी आवेदन पर बिना जाँच तत्काल कार्यवाही सम्भव नहीं। शायद यहीं वजह है कि वे जनदर्शन में गुस्से और तनाव लिए आने वाले लोगों को मिठाई खिलाकर उनके मुंह में मिठास और जनदर्शन में आवेदन देने आई कई महिलाओं के साथ पहुचे नन्हें-मुन्हें बच्चों के रोते-बिलखते चेहरों पर उन्हें चॉकलेट देकर मुस्कान ला दी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप जांजगीर-चाम्पा जिले में हर सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन के माध्यम से आमनागरिकों की समस्याएं सुनी जाती है और आवेदन लेकर संबंधित विभागों को कार्यवाही के लिए प्रेषित किया जाता है। आज सोमवार को कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जनदर्शन में सभी लोगों के न सिर्फ आवेदन लिए, अपितु उन लोगों के गुस्से और तनाव को कम करने का भी प्रयास किया जो बेवजह गुस्से में आकर तनाव ले लेते हैं।
कलेक्टर की सलाह आम जनता करते स्वीकार
दरअसल कलेक्टर सिन्हा ने जब जनदर्शन (Collector Jandarshan) लेना प्रारंभ किया तो कई महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ आई हुई थी। इस बीच कलेक्टर ने दरॉज में रखे चॉकलेट के पैकेट से कुछ चॉकलेट निकाल कर बच्चों को दे दिए। बच्चे खुश और चुप हो गए तो कलेक्टर ने उनके माता-पिता से कहा कि छोटे बच्चों को लाने की क्या जरूरत है, कोई भी आ जाता और आवेदन दे जाता तो भी जांच कर के कार्यवाही हो जाती।
महिला और कुछ लोग ग्राम रजगा-सक्ती के सचिव के संबंध में शिकायत करने आवेदन देने आए थे। ऐसे ही एक सेवानिवृत वृद्ध महिला कर्मचारी अपने परिजनों के सहारे चलते हुए जनदर्शन में आई तो कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि आप लोग सक्षम है, उनकी जो भी समस्याएं है, आवेदन लेकर आ जाते, अनावश्यक वृद्धा को यहां सहारा देकर लाने की क्या जरूरत थी? जो भी उचित होगा, आवेदन पर जरूर कार्यवाही की जाएगी। उनके परिजनों को यह बात सही लगी और अब से ऐसा नहीं करने की बात कही।
जनदर्शन में आए आर्थिक सहायता से लेकर अन्य विषयों के 55 आवेदन
वैसे तो जनदर्शन में आर्थिक सहायता से लेकर अन्य विषयों के 55 आवेदन आए। इसमें से एक आवेदक ने गांव के एक व्यक्ति को फर्जी अंकसूची से नौकरी करने, एक आवेदक ने महिला पटवारी का तबादला, एक गांव के 5-6 ग्रामीणों ने सरपंच पर भ्रष्टाचार करने की शिकायत संबंधी आवेदन दिए। इस बीच बलौदा ब्लॉक के एक ग्रामीण ने मुख्यमंत्री से तत्काल मुलाकात कराने के लिए आवेदन दिया।
इनमें से कई लोग गुस्से और तनाव से ग्रस्त थे और तत्काल ही अपने आवेदन पर कार्यवाही चाहते थे। कलेक्टर श्री सिन्हा शायद यह सब भलीभांति जानते और समझते भी है कि किसी भी आवेदन पर बिना जाँच तत्काल कार्यवाही सम्भव नहीं। उन्होंने जनदर्शन में गुस्से और तनाव लिए आने वाले लोगों से बहुत ही मधुरता और शालीनता से बात करते हुए समझाया। सभी को पहले हसौद के प्रसिद्ध पेड़े खिलवाएं और बताया कि वे तत्काल निराकरण हो सकने वाले प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही जरूर करते हैं।
किसी के शिकायत पर जाँच और दोनों पक्ष को सुनना, गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही न्याय संगत भी है। इसलिए बिना प्रक्रिया पालन किए जल्दबाजी में कार्यवाही संभव नहीं है। आप चिंतित न होइए, आपके आवेदन की पावती दी जा रही है और आनॅलाइन नंबर भी दिया जा रहा है, जांच में जो भी सामने आएगा, कार्यवाही जरूर की जाएगी और आपकों भी अवगत कराया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा जताने वाले युवक से कहा कि प्रदेश के मुखिया स्वयं भी प्रदेश के लोगों से मिलने की इच्छा रखते हैं, इसलिए वे भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में सभी जगह जा रहे हैं। वे हमारे जिले में भी आयेंगे तो आप मिल सकते हो। कलेक्टर की बातों को समझने के बाद गुस्से और तनाव में पहुचे आवेदक मुंह में पेड़ों की मिठास और मुस्कान लेकर लौटे।
दूर होगी देवानंद की समस्या
दोनों पैर से दिव्यांग शिक्षक देवानंद भारद्वाज (Collector Jandarshan) ने अपनी समस्या का उल्लेख करते हुए कलेक्टर को घर के समीप विद्यालय में पदस्थ करने की मांग की। कलेक्टर ने पहले तो देवानंद को जनदर्शन में आते देख अपनी कुर्सी से उठकर उनका आवेदन लेने खुद गए। पहले देवानंद को मिठाई खिलाई और कहा कि मांग वाजिब है, शासन के नियमानुसार आपके आवेदन का जल्दी ही निराकरण किया जाएगा।