अन्य नेटवर्क पर कॉलिंग चार्ज के खिलाफ 10 हजार लोगों ने डाली याचिका
नई दिल्ली/नवप्रदेश। रिलायंस जियाे (jio) उपभोक्ताओं (consumers) ने इंटरकनेक्ट यू एजेंसी चार्ज (iuc) को लेकर उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन याचिका (online plea) दाखिल की है। इस याचिका से अब तक 10 हजार ग्राहक (10 thousand consumers) जुड़ चुके हैं और सभी ने दूरसंचार नियामक संस्था (trai) से इस मामले के शीघ्र समाधान की मांग की है।
गौरतलब है कि जियाे (jio) ने बुधवार को आईयूसी (icu) पर ट्राई के ढुलमुल रवैये का हवाला देकर अपने ग्राहकोंं के अन्य नेटवर्क पर कॉल करने पर 6 पैसे प्रति मिनट की दर से पैसे वसूलने का फैसला लिया है। इसे ही जियो उपभोक्ताओं ने खुद पर बोझ बताते हुए ट्राई (trai) से जल्द समाधान की मांग की है। इसके साथ ही जियो उपभोक्ता कंपनी के समर्थन में भी उतर आए हैं।
जियो के उपभोक्ताओं ने अपनी मांग ट्राई तक पहुंचाने के लिए आनलाइन याचिका का रास्ता अपनाया है। खबर लिखे जाने तक करीब 10 हजार जियो उपभोक्ता (10 thousand jio consumers) इसके समर्थन में आ चुके हैं। अपनी बात संबंधित संस्था तक पहुंचाने के लिए आनलाइन याचिका का प्रचलन प्रभावी ढंग से किया जाता है।
ऐसे हुई विवाद की शुरुआत
बताया जाता है कि आईसीयू (icu) पर विवाद की शुरुआत ट्राई (trai) के एक परामर्श पेपर से शुरू हुआ। ट्राई 2011 से ही आईसीयू को खत्म करने की वकालत करता रहा, लेकिन जब इसका समय 31 दिसंबर 2019 नजदीक आया तो परामर्श पेपर जारी कर इस बंद हो चुके अध्याय को एक बार फिर से खोल दिया। आईसीयू खत्म हो जाने से ग्राहकों के लिए इनकमिंग और आउटगोइंग कॉलिंग फ्री हो जाती है। रिलायंस जियो का कहना है कि वह फ्री कालिंग की सुविधा देती रही है लेकिन इसके लिए उसे भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
जियो ने बताया-ट्राई के रुख से उसे कैसे हो रहा घाटा
जियो (jio) का कहना है कि एयरटेल और वोडाफोन आइडिया का निम्न आय वर्ग के ग्राहकों के लिए जो टैरिफ प्लान है उसमें कॉलिंग की दरें इंडस्ट्री में सबसे अधिक बताई जा रही हैं। कुछ मामलों में तो यह डेढ़ रुपये प्रति मिनट से भी ज्यादा हैं। इनमें कंपनियों के ऐसे बड़ी संख्या में ग्राहक 2 जी नेटवर्क से जुड़े हुए हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल अधिकार कालिंग के लिए ही करते हैं।
रिलायंस जियो का कहना है कि दोनों कंपनियों के 2 जी ग्राहक पैसा बचाने के लिए जियो के ग्राहकों को मिस्ड कॉल देते हैं और जब जियो का ग्राहक अन्य ऑपरेटर के उपभोक्ता को फोन करता है तो जियो को छह पैसे प्रति मिनट चुकाने पड़ते हैं। जियो का दावा है कि कंपनी पर तीन वर्षों में इस मद में साढ़े तेरह हजार का बोझ आ चुका है। रिलायंस जियो का कहना है कि यदि आईसीयू (icu) को ट्राई खत्म कर दे तो वह पहले की तरह सभी तरह की कॉलिंग फ्री कर देगी।