Korba News : बालको चोटिया कोल ब्लॉक से नहीं निकाल पाया कोयला…अब बर्रा कोल ब्लॉक के लिए लगाई बोली…
कोरबा/नवप्रदेश। Korba News : कार्पोरेट जगत की नीति भी क्या कमाल की है। बालको कंपनी ने पॉवर प्लांट के लिए चोटिया खदान से कोयला निकालने खदान लिया और कोयला का एक ढेला भी नही निकला। अब कंपनी ने रायगढ़ जिले के बर्रा कोल ब्लॉक से कोयला निकालने की बोली लगा रहे हैं।
बता कि साल 2015 में चोटिया कोल माइन्स से कोयला निकालने की बोली लगाकर बालको ने खदान को अलॉट तो करा पर कोयला नहीं निकला। इससे सरकार को प्रति वर्ष 2500 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। खनिज विभाग के कई बार चिट्ठी लिखने के बाद भी कंपनी ने उल जुलूल तर्क देकर उत्खनन को बंद कर दिया। जानकारों की माने तो इन सब के पीछे कंपनी का लॉस बताया कि रहा है। क्योंकि बालको ने चोटिया माइंस की उच्च बोली लगाकर खदान को लिया था।
यही वजह है उसे संचालन करने में नानी याद आ गई और उसने खदान (Korba News) को सरेंडर करने की योजना बनाई। जिससे कंपनी को होने वाली घाटे से बचा जा सके। जानकारों की माने तो खदान से निकलने वाली कोयला का उत्पादन लागत एसईसीएल की कोयला से अधिक है। इसी वहज से खदान से उत्खनन बंद किया गया है और एसईसीएल से कोयला खरीदकर पावर प्लांट को संचालित कर रहा है।
बालको ने बेरोजगारों को ठगा
ओपन कोल माइन्स से कोयला उत्खनन शुरू होने से क्षेत्र के लोगो को रोजगार की आस थी। खदान से उत्खनन के अलावा ट्रांसपोर्टिंग और अन्य रोजगार सृजित होने की उम्मीद थी। बालको की वजह से ग्रमीणों को रोजगार नही मिल सका। जानकारों की माने तो कोयला खदान होने के बाद भी क्षेत्र के लोगो को रोजगार के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है।
16 हजार करोड़ का राजस्व हानि
बालको कंपनी के एक डिसीजन की वजह से सरकार को बीते 6 सालों में 16 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। इस भारी भरकम राजस्व हानि ने जिले के विकास के लिये अवरोधक साबित हुआ है। यही नही उर्जाधानी के युवाओं के सपना को भी चकनाचूर किया है। सरकार को हुए राजस्व हानि पर लोगों ने चुटकी लेते हुए जिला प्रशासन के कार्यो पर सवाल उठा रहे है।
वर्सन
बालको के चोटिया कोल माइंस से उत्खनन पूरी तरह बंद है। खदान को शुरू कराने बालको प्रबंधन को कई बार चिट्ठी जारी किया गया है। माइंस से उत्खनन न होने से प्रति बर्ष करीब 25 सौ करोड़ का राजस्व हानि हो रहा है।
एसएस नाग, उप संचालन खनिज