Eknath Shinde : कभी राजनीति से किनारा करने वाला शख्स ठाकरे परिवार को देगा चुनौती…? पढ़ें
नई दिल्ली। Eknath Shinde : महाराष्ट्र में सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी हिलाने की माद्दा रखने वाले एकनाथ शिंदे की कहानी किसी फिल्म से काम नहीं है। बीते चार दिनों में यह नाम देश की राजनीति का सबसे चर्चित चेहरा बना। एकनाथ शिंदे जिन्होंने शिवसेना में ठाकरे परिवार को चुनौती दी है…वह कभी राजनीति से किनारा कर लिया था।
बताया जाता है कि शिंदे ने 11वीं तक ही पढ़ाई (Eknath Shinde) की है। वह उस पढ़ाई के लिए ठाणे आए। मुंबई जैसी जगह में न तो घर और न ही रोजी-रोटी आसानी से मिलती है, तो शिंदे वागले एस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने के काम में लग गए। इसी दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई। यहीं से उनका राजनीतिक जीवन शुरू हुआ। हालांकि तब वे महज 18 साल के थे।
एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को हुआ था। सतारा उनका गृह जिला है। पढ़ाई के लिए शिंदे ठाणे आए। 11वीं तक की पढ़ाई यहीं की। महज 18 साल की उम्र में शिंदे एक आम शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगे।
करीब डेढ़ दशक तक शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने के बाद 1997 में शिंदे ने चुनावी राजनीति में कदम रखा। 1997 के ठाणे नगर निगम चुनाव में आनंद दिघे ने शिंदे को पार्षद का टिकट दिया। शिंदे अपने पहले ही चुनाव में जीतने में सफल रहे। 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने। इसके बाद दोबारा साल 2002 में दूसरी बार निगम पार्षद बने।
हादसे में दो बच्चों को खोया था
जी हां, कहा जाता है कि पार्षद रहते हुए उनके दो बच्चों की दुर्घटना में मौत हो गई थी, तब उन्होंने राजनीति से किनारा कर लिया था। दरअसल, बात उन दिनों की है जब शिंदे पार्षद हुआ करते थे। इस दौरान उनका परिवार सतारा गया हुआ था। यहां एक हादसे में उन्होंने अपने 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा को खो दिया था। बोटिंग करते हुए एक्सीडेंट हुआ और शिंदे के दोनों बच्चे उनकी आंखो के सामने डूब गए थे।
उस वक्त शिंदे के दूसरे बेटे श्रीकांत सिर्फ 13 साल के थे। श्रीकांत इस वक्त कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना सांसद हैं। इस घटना के बाद शिंदे काफी टूट गए थे। उन्होंने राजनीति तक से किनारा कर लिया था। इस दौर में भी आनंद दिघे ने उन्हें संबल दिया और सार्वजनिक जीवन में फिर से लेकर आए।
11 करोड़ की संपत्ति, 18 केस भी चल रहे
2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने जो हलफनामा दिया था उसके अनुसार उनके ऊपर कुल 18 आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने, गैरकानून तरीके से इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा होना, सरकारी कर्मचारी के आदेशों की अवहेलना करने जैसे आरोप हैं। इस हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल 11 करोड़ 56 लाख से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 2.10 करोड़ से ज्यादा की चल और 9.45 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति घोषित की गई थी।