सड़क नहीं, नक्सलियों का खौफ, वोट देने जाना होगा दूसरे गांव
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दंतेवाड़ा में 28 गांव केे 18 हजार लोगों की मजबूरी
दंतेवाड़ा/नवप्रदेश। दंतेवाड़ा उपचुनाव (dantewara by election) में सड़क संपर्क के अभाव (no road connectivity) व नक्सलियों की तगड़ी पैठ (naxal dominance) के चलते 28 गांव के करीब 18 हजार मतदाताओं (voters) को दूसरे गांवों (other village) में मतदान (voting) करने के लिए जाना होगा (will have to go)। ये ऐसे गांव हैं, जो दूर दराज में धुर नक्सलग्रस्त इलाके में बसे हैं और सड़कों से नहीं जुड़े हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन ने चुनाव आयोग को इन गांवों के मतदान केंद्रों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का आग्रह किया है। इन मतदान केंद्रों पर वोटिंग (voting) कराना प्रशासन के लिए भी किसी चनौती से कम नहीं है। दूरस्थ होने के कारण इन गांवों तक पोलिंग पार्टियों को पहुंचने में दिक्कत होती है।
जबकि नक्सलियों की पकड़ यहां उतनी ही मजबूत है। ग्रामीणों को नक्सली वोट (voting) न देने की धमकियां भी देते हैं। इसलिए अब इन गांवों के मतदान केंद्रों को समीपस्थ अन्य गांवों में शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
अति संवेदनशील 28 पोलिंग बूथ को शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा गया है। नारायणपुर जिले के हांदावाड़ा और हितामेटा भी दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में हैं। दोनों जगहों केे करीब 17 सौ मतदाता भी दंतेवाड़ा जिले में ही मतदान करेंगे। शिफ्ट होने वाले मतदान केंद्रों में से 6 इंद्रावती नदी पार गांव के हैं। इनमें 4 केंद्र दंतेवाड़ा और 2 केंद्र नारायणपुर जिले के हांदावाड़ा व हितावाड़ा में आते हैं।
-टोपेश्वर वर्मा, कलेक्टर, दंतेवाड़ा
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