CG CAIT : कैट ने सरकार के गेहूं निर्यात प्रतिबंध निर्णय का समर्थन किया |

CG CAIT : कैट ने सरकार के गेहूं निर्यात प्रतिबंध निर्णय का समर्थन किया

Petrol & Diesel Price: Big relief in the direction of reducing inflation, CAT thanked the Center

Petrol & Diesel Price

रायपुर/नवप्रदेश। CG CAIT : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, स्टॉक की जमाखोरी को रोकने और पहले घरेलू खपत को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को ये दर्शाता है जो कि एक स्वागत योग्य कदम है। भारत में खाद्य सुरक्षा की रक्षा के लिए यह कदम आवश्यक था-कैट ने कहा।

वैश्विक स्तर पर गेहूं की कमी रूस-यूक्रेन युद्ध को माना

कैट (CG CAIT) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि देश में अनिर्धारित, अचानक और व्यापक गर्मी ने गेहूं के उत्पादन को काफी नुकसान पहुंचाया है। वैश्विक स्तर पर गेहूं की कमी है और रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध उसके लिए एक प्रमुख कारक है।

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा, भारत विशाल सीमांत आय वाले लोगों की भूमि है और रोटी, कपड़ा और मकान की उपलब्धता सरकार की पहली प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश को गेहूं की कोई कमी न हो, ऐसा लगता है कि सरकार ने यह निर्णय लिया है।

चीन के बाद भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक

पारवानी एवं दोशी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में चीन के बाद गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। लगभग 30 मिलियन हेक्टेयर भूमि का उपयोग गेहूं उत्पादन के लिए किया जाता है। उम्मीद है कि इस साल उत्पादन करीब 125 मिलियन मीट्रिक टन होगा। गेहूं की घरेलू खपत 105 मिलियन मीट्रिक टन है। हालांकि, भारत में गेहूं की कमी से बचने के लिए निवारक कदम आवश्यक हैं और इसलिए सरकार के निर्णय की सराहना की जानी चाहिए है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CG CAIT) के चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि जाहिर है, इस प्रतिबंध का किसानों और व्यापारियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन बाजार पर प्रतिबंध के प्रभाव को समझने के लिए कम से कम 48 घंटे की जरूरत है।

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