Donation : 7 लाख क्विंटल से अधिक किया पैरा दान, CM ने कहा- किसान भाइयों ने रखा मान
सीएम ने गौठानों को पैरादान करने वाले किसानों को दी बधाई
रायपुर/नवप्रदेश। Donation : राज्य के गांवों में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौठान बनाए गए है। इन गौठानों में गोधन के चारे एवं पानी का नि:शुल्क प्रबंध गौठान समितियों द्वारा किया जाता है।
पशुधन के लिए गौठानों में सूखे चारे का पर्याप्त प्रबंध हो सके इसके लिए सीएम भूपेश बघेल ने किसान भाईयों से आग्रह किया था कि धान की कटाई के बाद खेतों में पैरा को जलाने की बजाय अपने गांव की गौठान समिति को बीते वर्ष की भांति इस साल भी पैरा-दान करें। इस अपील के बाद 7 लाख 32 हजार 886 क्विंटल पैरा का दान गौठानों में किया गया।
सर्वाधिक पैरा देने वाले होंगे पुरस्कृत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौठानों में गौमाता के चारे की व्यवस्था के लिए पैरा-दान करने वाले राज्य के किसान भाईयों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी अपील का राज्य के किसान भाईयों ने न सिर्फ मान रखा है, बल्कि इस साल पराली भी नहीं जलाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के किसान भाईयों ने अभी तक 7 लाख 32 हजार 886 क्विंटल पैरा का दान (Donation) गौठान में गौमाता के चारे के लिए किया है, यह बेहद खुशी की बात है। मुख्यमंत्री ने गोधन के चारे के लिए सर्वाधिक पैरा-दान करने वाले कृषक एवं सर्वाधिक पैरा एकत्र करने वाली गौठान प्रबंध समिति को विकासखंड स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
विशेष निगरानी के निर्देश
मुख्यमंत्री बघेल ने गुरुवार को अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के तहत राशि अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए किसान भाइयों को बधाई दी, साथ ही कहा कि अभी भी अनेक किसान भाईयों की खेतों में पैरा रखा है, उन्हें गौठानों को दिया जाए। उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह तथा गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन से पैरा एकत्रीकरण के संबंध में विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टरों से इस काम को पूरा कराए की बात कही।
पराली न जलाने की थी अपील
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के किसान भाईयों से बीते दिनों गौठानों को पैरादान (Donation) करने और खेतों में पराली न जलाने की अपील की थी। उन्होंने किसानों के नाम जारी अपील में कहा था कि पशुधन के लिए गौठानों में सूखे चारे का पर्याप्त प्रबंध हो सके, इसके लिए धान की कटाई के बाद खेतों में पैरा को जलाने की बजाय अपने गांव की गौठान समिति को पैरा-दान करें। इससे गोधन के लिए चारे का इंतजाम करने में समितियों को आसानी होगी।