“छत्तीसगढ़ का विकास माडल, मीडिया एवं जनसंपर्क” विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार
PRSI रायपुर चैप्टर का आयोजन
रायपुर/नवप्रदेश। PRSI Webinar : पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी आफ इंडिया (PRSI) रायपुर चैप्टर द्वारा सोमवार को “छत्तीसगढ़ का विकास माडल, मीडिया एवं जनसंपर्क” विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी आफ इंडिया के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. अजीत पाठक शामिल हुए। वहीं वेबीनार की अध्यक्षता शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर के कुलपति प्रो.(डॉ.) शैलेंद्र कुमार सिंह ने की।
पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजीत पाठक ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज देश की आर्थिक समृद्धि मे कदम से कदम मिलाकर चल रहा है, राज्य सरकार के प्रयास से हर व्यक्ति तक विकास का फल पहुंच रहा है। छत्तीसगढ़ के विकास में ( PRSI Webinar )सामाजिक संगठन ने बहुत अच्छी भूमिका निभाई है। इसके साथ बहुत आवश्यक हो जाता है की जनसम्पर्क और मीडियाकर्मी अपने विश्वास को जानता के बीच बनाये रखे। जनसम्पर्क ने जानता और प्रशासन के बीच एक सेतु का काम किया है आज और कोरोना काल में सबसे ज्यादा जरूरत थी। सम्पूर्ण देश में जहां कोरोना का बुरा असर देखा वही छत्तीसगढ़ में कोरोना काल में भी आर्थिक, सामाजिक दृष्टि से मजबूत पाया।
वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर के कुलपति प्रो.(डॉ.) शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हमारा देश लगभग एक सौ उनतालीस करोड़ की आबादी वाला देश है जिसमें युवाओं की आबादी उनहत्तर प्रतिशत है हम अपनी योजना में इन युवाओं को केंद्र में रखकर योजना का निर्माण करना चाहिए। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार की नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना के विकास मॉडल की भी प्रशंसा की जिससे विकास हर व्यक्ति तक पहुंच पा रहा है।
इस अवसर पर विशिष्ट वक्ता छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, रायपुर के कार्यकारी अध्यक्ष ने व्यवसाय की बात ( PRSI Webinar )करते हुए कहा कि यहां के व्यावसायिक स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है। यहां के किसानों को कर्ज मुक्त करना, वनोपज की खरीदी, धान की खरीदी जैसी योजनाओं ने यहां के युवा को रोजगार दिलाने में बहुत मदद किया है। कोरोना काल जैसे विकराल संकट में भी यहां की व्यावसायिक स्थिति में कोई खास प्रभाव नहीं देखा गया।
विशिष्ट वक्ता अमृत संदेश, रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार एवं समाचार संपादक बाबूलाल शर्मा ने मीडियाकर्मी की भूमिका के लिए कहा जिस तरह से ग्रामों में विकास का दौर चला रहा है उसी तरह जनसम्पर्क और मीडिया कर्मियों ने फ्रंट वॉरियर के रूप मे कोरोना काल में जानता का साथ दिया। विकास के एक खबर के साथ ऐसे युवा जो गांव छोड़कर शहरों में बस गये थे। वह किस प्रकार अपने गांव को लौट रहे है और अपने ही अंचल में रहकर रोजगार कर रहे है। चाहे आर्थिक भूमिका की बात कहे या सांस्कृतिक की समृद्धता की बात या महिला शिक्षा से लेकर शिशु पोषण आहार का। युवा रोजगार से लेकर कर्जमुक्त किसान तक आज छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य के रूप मे देखा जा सकता है।
विशिष्ट वक्ता सोशियल ए़ड बिहेवियर चेंंज यूनिसेफ, रायपुर के स्पेशलिस्ट अभिषेक सिंह ने कहा कि यूनिसेफ ने प्रशासन की योजनाओं से अंतिम व्यक्ति तक पोषण आहार को पहुंचाने का काम किया है। आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण छत्तीसगढ़ में अनेक आनुवंशिक बीमारियों को भी देखा गया है जिनका इलाज भी ग्रामीण अंचल में मिलने वाले जड़ी बूटियों से किया जाने लगा है। जिसे एक योजना के तहत अपनाया गया है साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की पहुंच हर घर में बनाये जाने की बात कही।
विशिष्ट वक्ता फाउंडेशन फाउंडेशन फॉर इकोलॉजी सिक्योरिटी, रायपुर की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर डॉ. मनजीत कौर बल ने प्रशासन की योजनाओं के लाभ के बारे मे बताया ( PRSI Webinar )की किस तरह से सरकारी योजनाओं का लाभ गांव के हर एक व्यक्ति को मिल रहा है। मंजीत कौर ने कहा ग्रामीण जमीनी स्तर से ग्राम सभा को अपने अधिकार दिलाये जा रहे है। सरकार की नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना की सराहना करते हुए कहा कि जहां गांव में भी शहरों जैसी अतिक्रमण की स्थिति बनती जा रही है, उसके लिए आवश्यक है ग्रामीणों को सामने रख कर जंगलो, सामुदायिक जमीनों को संरक्षित किया जा सके। छत्तीसगढ़ को देश के सामने एक मॉडल के रूप मे प्रस्तुत करने में इस योजना ने शक्तिशाली भूमिका निभाई। गोठान योजना से गांव के हर युवा को रोजगार प्राप्त हुआ साथ ही गांव में जो पशुधन है उन्हें भी आसानी से संरक्षित किया जाने लगा है।
विशिष्ट वक्ता अर्थशास्त्र विभाग पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) आर.के. ब्रह्मे ने कहा कि छत्तीसगढ़ वर्तमान समय में विकास के नये मॉडल के रूप में भारत देश के सामने खड़ा है। छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए वक्तव्य प्रस्तुत किया और बताया यह मॉडल एक आल्टरनेट रोल मॉडल है जो एक ग्रोथ मॉडल के रूप मे उभरा है। जिसके अंतर्गत सस्टेनेबल डेवलपमेंट को ध्यान में रखा गया है। यह मॉडल अपनी पहुंच जंगलो में रह रहे आदिवासियों से लेकर शहरों में निवास कर रहे मजदूरों तक है।
कार्यक्रम का सफल संचालन पीआरएसआई, रायपुर चैप्टर के चेयरमैन डॉ. शाहिद अली ने किया । अंत में वक्ताओं तथा सहभागियों का आभार भी व्यक्त किया। वेबिनार में काफी संख्या में देश भर के प्रोफेसर, विद्यार्थी, शोधार्थी एवं शिक्षकगण ने हिस्सा लिया।