Constable Movement : समर्थन में भाजपा, कहा- सरकार गंभीर नहीं…
रायपुर/नवप्रदेश। Constable Movement : बीजापुर में सहायक आरक्षकों ने आंदोलन छेड़ रखा है। इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। शनिवार को राज्यसभा के सांसद रामविचार नेताम ने एक प्रेस कांफ्रेंस ली। उन्होंने कहा कि संभवत: यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल के लोग अपने हथियार जमा कर आंदोलन में बैठे हैं।
इसमें विषय यह है कि सहायक आरक्षकों के परिजन छह दिसंबर से वेतन, नियमितीकरण, अनुकंपा नियुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। उन्होंने जब पुलिस मुख्यालय घेराव की घोषणा की तब सरकार के आदेश पर पुलिस अधिकारियों द्वारा आरक्षक परिवार की महिलाओं पर लाठीचार्ज कराया गया।
नेताम ने कहा कि, अपने परिवार के अपमान से व्यथित लगभग 1400 आरक्षकों (Constable Movement) ने अपने हथियार थानों में जमा करा दिए और आंदोलन पर उतर गए। एक महत्वपूर्ण गंभीर बात है कि यह घटना देश के सबसे बड़े आंतरिक समस्या नक्सलवाद के गढ़ धुर नक्सली इलाके बीजापुर की है।
घटनाक्रम को संभालने में सरकार फेल
सांसद नेताम ने कहा कि भूपेश बघेल इस पूरे घटनाक्रम को संभालने में पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। आज भी उन्हें इस घटना से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश का चुनाव लग रहा है। भूपेश जी इतने गंभीर मामले को सही समय सुलझाने की कोशिश नहीं की। वह इस मामले में कतई गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।
उन्होंने इस मामले को त्वरित सुलझाने की जगह, इस पर एक कमेटी गठित कर दी। कांग्रेस सरकार से अनुरोध है कि वह कमेटी कमेटी ना खेले, क्योंकि यह सरकार जब से बनी है, तब से ना जाने कितनी कमेटियां और एसआईटी, कब गठित करती है और कब वह खत्म हो जाता है वह पता नहीं चलता।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि सरकार की कमेटी बनाने के बाद आरक्षक अभी बैरक में नहीं लौट कर अपने घरों को चले गए हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि 1 महीने के अंदर अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। नक्सली क्षेत्रों में यह सहायक आरक्षक पुलिस व सेना के लिए सबसे बड़ा सहायक साबित होते हैं क्योंकि उन्हें स्थानीय भौगोलिक स्थिति और भाषा की जानकारियां होती है।
गृह मंत्री तक ले जाएगी भाजपा
नेताम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, विभिन्न समाचार पत्रों से ज्ञात हो रहा है कि लगातार नक्सली भी इन सहायक आरक्षक को अपील करते रहे हैं कि वह हथियार छोड़कर वापस लौट आए, जो गंभीर मामला है। यह धुर नक्सली बीजपुर क्षेत्र का मामला न केवल छत्तीसगढ़ का मामला है, अपितु देश की आंतरिक सुरक्षा (Constable Movement) का भी बड़ा गंभीर मामला है। अगर कांग्रेस सरकार इस पर त्वरित कार्यवाही नहीं करती है । तो भाजपा इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्री तक लेकर जाएगी।