Awareness : महिलाओं के उत्थान के लिए कानूनी जागरूकता सृजन करना सर्वोपरि |

Awareness : महिलाओं के उत्थान के लिए कानूनी जागरूकता सृजन करना सर्वोपरि

Awareness : Creating legal awareness is paramount for the upliftment of women

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विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली के अवेयरनेस प्रोग्राम

रायपुर/नवप्रदेश। Awareness : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली ने संयुक्त रूप से महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। पेन इण्डिया अवेयरनेस एवं आउटरीच अभियान के अंतर्गत यह आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश अरविंद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय परिसर रायपुर में आयोजित हुआ।

इस मौके पर निधि शर्मा व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, कल्पना भगत, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, दिशा शर्मा, प्रोफेसर रिसोर्स पर्सन, अचला श्रीवास्तव, अधिवक्ता, रिसोर्स पर्सन सहित जिला शिक्षा अधिकारी, वन विभाग, डाक विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, साईबर सेल रायपुर, पैरालीगल वॉलिटियर एवं विधि छात्राएं उपस्थित रहे।

महिलाओं के लिए विधिक जागरूकता कार्यक्रम में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-एक निधि शर्मा ने अपने उद्बोधन में नालसा की योजना, मानव तस्करी, वाणिज्य एवं शोषण, पीडि़तों के लिए विधिक सेवा योजना 2015 के बारे में विस्तार (Awareness) से जानकारी दी। उन्होंने बताया गया कि महिलाओं तथा विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के उत्थान के लिए कानूनी जागरुकता के सृजन का सर्वोपरि महत्व है। वे अपने कानूनी और अन्य अधिकारों, समाज में अपनी स्थिति और अपनी समस्याओं के समाधान के बारे में अनभिज्ञ हैं।

उन्होंने महिलाओं की तस्करी में उनके अधिकारों की स्वतंत्रता का हनन है और कानूनन जघन्य अपराध है। इसके रोकथाम के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को आगे बढ़कर उन्हें जागरूक करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस योजना के तहत तस्करी से पीडि़त व्यक्ति को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से नि:शुल्क विधिक सहायता दिया जा सकता है। निधि शर्मा ने भ्रूण हत्या कानून पर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानव समाज तथा मानव सभ्यता की सुरक्षा कन्या सुरक्षा में निहित है, इसलिए भ्रूण हत्या को हतोत्साहित कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के सिद्धांत को सैद्धांतिक रूप से पालन करना चाहिए।

Awareness : Creating legal awareness is paramount for the upliftment of women

दहेज के लिए बेटी नहीं, समाज जलता है : न्यायाधीश कल्पना

न्यायाधीश कल्पना भगत व्यवहार वर्ग 2 ने नालसा की योजना तथा आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण के प्रवर्तन के लिए विधिक सेवा योजना 2016 के बारे में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा दहेज प्रतिषेध अधिनियम तथा पॉक्सो कानूनी के बारे में संक्षिप्त रूप में बताया। उन्होंने बताया कि दहेज सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। बेटी, नारी शक्ति का प्रतीक है, जिसकी शक्ति देश के उत्थान में सदैव संकल्पि तथा प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने कहा कि दहेज के लिए बेटी नहीं, समाज जलता है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से शोभा शर्मा ने एड्स के बारे में जानकारी (Awareness) देते हुए कहा कि, जिन्हें एड्स की बीमारी हो जाती है, उन्हें दूसरे बीमारी भी जल्दी होता है, इसलिए आजकल एड्स संबंधी बीमारी का ईलाज नि:शुल्क होता है। उन्होंने कहा कि एडस संबंधी बीमारी होने पर तत्काल नि:शुल्क रूप से ईलाज कराए।

जिला शिक्षा विभाग की ओर से रजनी शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि यदि बेटी रहेगी तभी तो बेटी पढ़ेगी, इसलिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को अधिक से अधिक लोगों में फैलाना अति आवश्यक है।

इसी तरह साईबर सेल से चित्रलेखा साहू, डाक विभाग की ओर से कावेरी अग्रवाल, आंगनबाड़ी की ओर से रोशनी शर्मा एवं किरण पटेल ने भी विभाग की ओर से शासन की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। अंत में सभी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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