MODI 2.0 : कश्मीर में बड़े बदलाव को ऐसे समझे
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आर्टिकल 370: अलग झंडा, दोहरी नागरिकता खत्म, जानिए कश्मीर में क्या-क्या बदल जाएगा
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से चल रहे कसमकस के बीच आज केन्द्रीय बैठक में हुए निर्णय को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह amit saha ने पेश किया गया। जिस पर सदन विपक्ष ने जोरदार हंगामा खड़ा कर दिया।
ऐतिहासिक फैसला करते हुए राज्य को विशेष दर्जा को खत्म कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह amit saha ने राज्यसभा में चार संकल्प पेश करते हुए आर्टिकल 370 को समाप्त करने का प्रस्ताव पेश किया। आर्टिकल 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाने का फैसला संसद साधारण बहुमत से पास कर सकती है।
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का दो राज्यों में बंटवारा भी किया गया है। इस ऐतिहासिक फैसले से जम्मू-कश्मीर के भूगोल के साथ ही सियासत भी बदल गई है। आइए जानते हैं आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या बदल गया है।
कोई भी खरीद सकेगा संपत्ति: अनुच्छेद 370 राज्य से बाहरी अब देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीद पाएगा।
अब अलग झंडा नहीं: जम्मू-कश्मीर में अब अलग झंडा नहीं रहेगा। यानी राष्ट्रध्वज तिरंगा रहेगा।
राज्यपाल का पद खत्म: राज्यपाल का पद खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही राज्य की पुलिस केंद्र के अधिकार क्षेत्र में रहेगी।
दोहरी नागरिकता खत्म: जम्मू-कश्मीर में अब दोहरी नागरिकता नहीं होगी। आर्टिकल 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में वोट का अधिकार सिर्फ वहां के स्थायी नागरिकों को ही था। दूसरे राज्य के लोग यहां वोट नहीं दे सकते और न चुनाव में उम्मीदवार बन सकते थे। अब नरेंद्र मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद भारत का कोई भी नागरिक वहां के वोटर और प्रत्याशी बन सकते हैं।
कश्मीर अब केंद्र शासित राज्य: जम्मू-कश्मीर में अभी तक विधानसभा की 87 सीटें थीं। लेकिन अब राज्य का बंटवारा किया गया है। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होगा।
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर की होगी विधानसभा: कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा।विधानसभा का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल होगा।
लद्दाख चंडीगढ़ जैसा केंद्र शासित प्रदेश: अभी तक जम्मू कश्मीर का हिस्सा रहे लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा। यहां जम्मू-कश्मीर की तरह विधानसभा नहीं होगी। इसका प्रशासन चंंडीगढ़ की तरह चलाया जाएगा।
कश्मीर का अलग से कोई संविधान नहीं: अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष अधिकार पूरी तरह से खत्म। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू होगा।
इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर का अपना अलग से कोई संविधान नहीं होगा। बता दें कि कश्मीर में 17 नवंबर 1956 को अपना संविधान लागू किया था। अब कश्मीर में आर्टिकल 356 का भी इस्तेमाल हो सकता है। यानी राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
आरटीआई कानून कश्मीर में भी चलेगा: जम्मू-कश्मीर में आरटीआई और सीएजी जैसे कानून भी यहां लागू होंगे।
बाहरी राज्य के लोगों को भी नौकरी मिल सकेगी: जम्मू-कश्मीर में देश का कोई भी नागरिक अब नौकरी पा सकता है।
Bharat Mata Ki Jai
Jai Hind