भूमि क्रेताओं के पक्ष में RERA का निर्णय, अब RDA लौटाएगा ब्याज सहित रकम
प्रोजेक्ट इंद्रप्रस्थ फेस-2 के निर्माण को लेकर परेशान हैं आबंटी
रायपुर/नवप्रदेश। RERA Decision : राजधानी में रायपुर विकास प्राधिकरण (RDA) की अहम प्रोजेक्ट इंद्रप्रस्थ फेस-2 (Indraprastha Phase-2) के निर्माण को लेकर भूमि क्रेता और आरडीए के बीच लगातार विवाद गहराता ही जा रहा है। अब छत्तीसगढ़ भू संपदा विनियामक प्राधिकरण यानी रेरा (RERA) में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें आरडीए को 2 माह के भीतर मय ब्याज भूमि क्रेताओं को रकम लौटाने का निर्देश दिया गया है।
वर्ष 2015 में आरडीए के इंद्रप्रस्थ फेज 2 में वाणिज्यिक सह आवासीय भूखंड बिक्री शुरू की गई थी। जिसमें कई भूमि क्रेताओं ने उक्त जमीन खरीदी। लेकिन अब तक कई कारण वश फेस 2 में भवन निर्माण शुरू ही नहीं हुआ है।अब भूमि क्रेताओं ने न्यायालय सहित रेरा में भी शिकायत RDA के खिलाफ दर्ज करवाया है, जिसमें रेरा ने गुरुवार को अपना निर्णय भूमि आबंटितियों के पक्ष में दिया है।
ये है विवाद का कारण
आपको बता दें कि (RERA Decision) राजधानी के तेलीबांधा निवासी आवेदक अमित कुमार शर्मा और अतुल कुमार शर्मा ने इंद्रप्रस्थ फेस-2 में भूखंड खरीदने के लिए आवेदन किया था। जिसके फलस्वरूप उन्होंने अप्रैल 2015 में आवेदन के साथ 3 लाख 24 हजार 360 रुपए का भुगतान भी किया। जिसके बाद भूखंड क्रेताओं ने एसबीआई से 15 लाख रुपए का ऋण लेकर जून 2017 तक आरडीए को 29 लाख 84 हजार 270 रुपए का भुगतान किया था। वही दिसंबर 2019 में अंतिम किश्त 3 लाख 07 हजार 801 रुपए भुगतान भी कर दिया। इन रकम को जमा करने के बावजूद भी आरडीए के द्वारा भूखंड में निर्माण शुरू नहीं किया गया बल्कि आरडीए के द्वारा कहा गया की भूखंड की भूमि 60 फीसदी जलमग्न है, जिसके कारण निर्माण नहीं किया जा सकता। साथ ही आरडीएनए भूखंड क्रेताओं को अन्य भूखंड क्रय करने का प्रस्ताव भी दे दिया।
रकम नहीं होगी वापस-आरडीए
भूमि क्रेताओं ने आरडीए के निर्णय को अस्वीकार करते हुए भुगतान की गई राशि वापस करने आवेदन किया। आवेदन में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशों का उल्लेख भी किया गया। साथ ही क्रेताओं ने क्षतिपूर्ति की राशि की भी मांग की। आरडीए के द्वारा भूमि आवंटित को प्रोजेक्ट भूमि से लगी हुई मेसर्स एचबीएन डेयरी एंड एलाइड लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन भूमि लेने कहा गया। ये भी कहा गया कि यदि अन्य भूमि नहीं लिया जाता तो रकम वापस नहीं किया जाएगा।
RERA ने दिया आबंटितियों को राहत
भूमि क्रेताओं ने आरडीए के खिलाफ रेरा (RERA Decision) में याचिका लगाई, जिस पर दोनों ही पक्ष की सुनवाई के बाद रेरा ने गुरुवार को निर्णय सुना दिया। भूमि क्रेताओं का पक्ष लेते हुए रेरा ने आरडीए को देय राशि ब्याज के साथ वापस करने का निर्णय दिया। साथ ही 2 माह का समय भी निश्चित किया गया, जिसके भीतर आरडीए क्रेताओं को रकम वापस करने सुनिश्चित करेगा।
अब रेरा के निर्णय के बाद भूमि क्रेताओं को मय ब्याज रकम आरडीए वापस देता है या नहीं या आरडीए उच्च न्यायालय की शरण में जाता है, यह देखने वाली बात होगी।