CG Foundation Day: राज्य अलंकरण समारोह में विभूतियों का राज्यपाल ने किया सम्मान, सीएम भूपेश ने की युवा महोत्सव की बड़ी घोषणा
रायपुर/नवप्रदेश। CG Foundation Day : छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के समापन अवसर पर आयोजित राज्योत्सव-2021 के अलंकरण पुरस्कार समारोह में राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए। राष्ट्र गान और राज्य गान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। समारोह में मंत्रिमंडल के सभी सदस्य, सांसद, विधायक, निगम मंडल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य सही अनेक जनप्रतिनिधि गण उपस्थित रहे। इसके साथ ही आयोजन स्थल साइंस कॉलेज मैदान में सैकड़ों की संख्या में आम जनता भी शामिल हुई।
राज्योत्सव-2021 के समापन अवसर पर अलंकरण पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया, जिसमे 31 विभिन्न विधाओं पर सम्मान दिया गया। राज्य फिल्म विकास नीति के अंतर्गत छत्तीसगढ़ी फिल्म भूलन द मेज को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार के उपरांत राज्य शासन के द्वारा फिल्म के निर्माता निर्देशक मनोज वर्मा को एक करोड़ का चेक प्रदान किया गया। यह पहला अवसर है जब किसी छत्तीसगढ़ी फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके उपरांत सम्मान का सिलसिला शुरू हुआ। इस कड़ी में 31 विभिन्न विधाओं पर विभूतियों को राज्य अलंकरण सम्मान से नवाजा गया।
राज्योतसव आयोजन (CG Foundation Day) के दौरान विभागीय पुरस्कार के अंतर्गत तीसरे स्थान पर ऊर्जा विभाग को पुरस्कार मिला। कृषि कल्याण विभाग ने द्वितीय पुरस्कार हासिल किया। वही प्रथम स्थान में परिवहन विभाग ने कब्ज़ा जमाया। प्रदर्शनी के माध्यम से परिवहन विभाग ने स्थल पर ही लाइसेंस तैयार कर दिया। यातायात संबंधी जानकारी दी गई और कई औपचारिकताएं भी पूर्ण की गई। इसके अलावा सार्वजनिक उपक्रम में पहला स्थान एनएमडीसी ने प्राप्त किया।
छत्तीसगढ़ सबसे उज्जवल राज्य स्थापित होगा : राज्यपाल
राज्योत्सव के समापन अवसर (CG Foundation Day) पर शामिल हुई प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ की स्थापना दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। साथ ही प्रदेश के पुरोधा एवं साहित्यकारों को नमन किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शासन द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं के आधार पर प्रदेशवासियों को सुविधाएं प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक ठोस धरातल निर्मित हुआ है। विकास के चौमुखी विकास के लिए सरकार लगातार प्रयास रत है। मानव संसाधन सहित अन्य संसाधनों के दोहन जरूर किया जा रहा है लेकिन इस पर ध्यान भी रखना होगा कि दोहन इस तरह हो ताकि प्रकृति को नुकसान न पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भविष्य की असीम संभावनाओं को सरकार ने पहचाना है, यही कारण है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कम समय में ही उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर ली है। अब आवश्यकता है कि इस खुशियों के साथ ही हम उसे भी पहचाने जो हमसे चूक गए हैं। परमात्मा और प्रकृति ने जो वरदान दिया है उसे प्रदेश सहेजने और संवारने में सफल हुए हैं ऐसे में आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सबसे उज्जवल राज्य के रूप में जरूर स्थापित होगा।
सीएम ने की युवा महोत्सव की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्योत्सव के समापन अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई (CG Foundation Day) देते हुए पुरखों और साहित्यकारों को नमन किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश हो रहे विकास की संपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों, आदिवासी, वनांचल सहित अन्य प्रदेश वासियों का बखूबी ध्यान रख रही है ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। उनकी सरकार नक्सलियों को खदेड़ने में भरसक सफल हुई है। अब बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा जैसे लालगढ़ में अब लाल आतंक काफी काम हुआ है लेकिन अभी और काम करना है ताकि प्रदेश से नक्सलवाद का समूल नष्ट हो जाए। इन क्षेत्रों में नक्सली स्वयं ही मूल धारा में जुड़ने के लिए समर्पण कर रहे हैं। उन्होंने कहा की विकास की बयार में किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत धान के अंतर की राशि दी जा रही है जिससे किसानों के घर खुशहाली बढ़ी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंच से बड़ी घोषणा भी की। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तर्ज पर स्वामी विवेकानंद जी की जयंती “राष्ट्रीय युवा दिवस” के अवसर पर 12, 13 एवं 14 जनवरी को छत्तीसगढ़ लोक साहित्य कला एवं युवा महोत्सव रायपुर में आयोजित किया जाएगा। जिसमे छत्तीसगढ़ी, हल्बी, गोंडी, कुँड़ुख़, सरगुजी साहित्यकारों को मंच मिलेगा। इसे साथ ही पंडवानी, भरथरी, सुआ, पंथी के साथ प्राचीन नाचा और गम्मत कलाकारों को भी मंच के माध्यम से नया स्थान परम्परिक विधाओं को प्राप्त होगा।
राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ी लोक गीतों और लोक नृत्यों की धूम
राज्योत्सव के मौके पर साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सांस्कृतिक संध्या छत्तीसगढ़ी लोक गीतों और लोक नृत्यों से सराबोर रही। लोक कलाकारों ने परंपरागत लोक संगीत, गीत और नृत्य से दर्शकों को प्रदेश की विविध संस्कृतियों, त्यौहारों, पर्वों और आदिवासी जीवन से परिचय कराया। लोक कलाकारों भूपेन्द्र साहू, सुनील तिवारी और कविता वासनिक ने अपने-अपने दल के साथ छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना, जस गीत, गौरी-गौरा गीत, भोजली, करमा, पंथी नृत्य, सुआ नृत्य, फाग गीत, पारंपरिक विवाह गीत, बसदेव गीत, भरथरी और राऊत नाचा जैसी अनेक विधाओं पर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से मंच पर छत्तीसगढ़ के हरेली त्यौहार से लेकर होली तक के लोक जीवन और लोक संस्कृति को जीवंत किया। अरपा पैरी के धार, पता ले जा रे गाड़ीवाला रे, चौरा म गोंदा मोर रसिया, मोर संग चलव रे, महुवा झरे महुवा झरे, मंगनी म मांगे मया नइ मिलय रे मंगनी म, बखरी के तुमा नार बरोबर, छनन छनन बाजे वो पांव के पैजनियां दाई तोर, जोहर जोहर मोर गौरा गौरी जैसे पारंपरिक गीतों और नृत्यों से लोगों को मंत्रमुग्ध किया।