Nagrik Kalyan College : प्रिंसिपल ने की खुदकुशी, नहीं मिला सुसाइड नोट…
भिलाई/नवप्रदेश। Nagrik Kalyan College : नागरिक कल्याण कॉलेज अहिरवारा दुर्ग के प्रभारी प्राचार्य डॉ. भुवनेश्वर नायक ने गुरुवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनका शव कॉलेज के पुराने भवन के कमरे में पंखे से लटका मिला है। बताया जा रहा है कि भुवनेश्वर नायक कोविड से ठीक होने के बाद मानसिक रूप से परेशान रहते थे। फिलहाल खुदकुशी का कारण स्पष्ट नहीं है। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामला नंदनी थाना क्षेत्र का है। पुलिस जांच कर रही है।
डॉ. भुवनेश्वर गुरुवार सुबह 8 बजे घर से कॉलेज जाने के लिए निकले थे। इसके बाद कॉलेज के कमरे में उनका शव लटका मिला। कॉलेज के कर्मचारी जब वहां पहुंचे तो उन्हें घटना की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। करीब सप्ताह भर पहले यूनिवर्सिटी कुलपति के निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली थीं। इस दौरान उन्होंने बताया भी था कि वह कॉलेज के प्राचार्य का प्रभार संभाल नहीं सकते हैं, इसलिए उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाए।
छात्रों ने की थी शिकायत
हेमचंद्र यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने बताया कि 22 अक्टूबर को उन्होंने नागरिक कल्याण कॉलेज का निरीक्षण किया (Nagrik Kalyan College) था। इस दौरान छात्रों ने बताया था कि क्लासेज नहीं होती है। स्टाफ का कहना था कि प्राचार्य ने अभी तक कोई टाइम टेबल भी नहीं बनवाया। निरीक्षण के दौरान डॉ. भुवनेश्वर कॉलेज में नहीं थे। नागरिक कल्याण कॉलेज के छात्रों का दल कुलपति से शिकायत करने विश्वविद्यालय पहुंचा था। उन्होंने शिकायत की उनके कॉलेज में क्लास नहीं हो रही हैं। कहने के बाद भी टीचर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके बाद कुलपति डॉ. पल्टा ने इसकी शिकायत उच्च शिक्षा विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. सुशील तिवारी से भी की थी। कुलपति ने डॉ. तिवारी को बताया भी था कि जब उन्होंने डॉ. भुवनेश्वर से बात की तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही थी।
फार्म भरने में भी जताई थी असमर्थता
कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने बताया कि नागरिक कल्याण कॉलेज (Nagrik Kalyan College) में कुछ सीटें बढऩे पर वहां का निरीक्षण करने के लिए एक संबद्धता फार्म भरने के लिए प्रभारी प्राचार्य से कहा था। एक पेज का फार्म भरने के लिए भी डॉ. भुवनेश्वर नायक ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वह फार्म भरने की स्थिति में नहीं हैं। इसके बाद कुलपति ने कॉलेज के दूसरे स्टाफ से फार्म भरकर देने को कहा। इसके बाद भी फार्म नहीं भरकर दिया गया और आज तक संबद्धता को लेकर कॉलेज का निरीक्षण भी नहीं हो सका है।