Private School Protest : सरकार को चेतावनी…मांगें नहीं मानी तो करेंगे असहयोग आंदोलन
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन
रायपुर/नवप्रदेश। Private School Protest : सोमवार को प्रदेशभर के निजी स्कूल के संचालकों ने स्कूल बंद किया है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के बैनर तले संचालकों का विशाल धरना प्रदर्शन हुआ। छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग में कथित कमीशनखोरी के खिलाफ एक दिन स्कूल बंद करने का ऐलान किया है।
हालांकि इस प्रदर्शन से प्रदेश के करीब 16 लाख विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर धरना प्रदर्शन किया।
निजी स्कूलों की मनमानी (Private School Protest) को नजरअंदाज करना आज प्रदेश सरकार को भारी पड़ रहा है। खामियाजा निजी स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को चुकाना पड़ रहा है। आज लगभग 16 लाख विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई है।
निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर सैकड़ों शिकायत हुई, लेकिन नोटिस जारी करने के अलावा आज तक शिक्षा विभाग के द्वारा कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। यही कारण है कि आज निजी स्कूल के अभिभावकों को ऊपर मनमानी करने के बाद अब सरकार को चुनौती दी जा रही है।
साथ देने की बजाय बढ़ रही मुश्किलें
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि कोरोना की वजह से उपजे हालातों में स्कूल का संचालन करना मुश्किल हो गया है। शिक्षा विभाग इस मुश्किल की घड़ी में साथ देने के बजाए मुश्किलें खड़ी कर रही है। स्कूल संचालकों की मांग है कि 2020 से 2021 तक के शिक्षा का अधिकार (RTE) की प्रतिपूर्ति राशि 106 करोड़ रुपए प्राइवेट स्कूलों को अविलंब प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि आरटीई की राशि प्रदान करने के लिए शिक्षा विभाग के अफसर कमीशन मांगते हैं। 16 माह तक स्कूल बसों का संचालन बंद रहा अत: अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 (16 महीने) तक प्रदेश की सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ किया जाए। इसके अलावा नवीन मान्यता, मान्यता नवीनीकरण पर स्कूल शिक्षा विभाग अड़ियल रवैया के खिलाफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन आक्रोशित है।
राजीव गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के अशासकीय विद्यालय अनेक समस्याओं (Private School Protest) से जूझ रहे हैं। इस विभिन्न मांगों को लेकर कई बार विभाग को ज्ञापन सौंपा जा चुका है, जिनका निराकरण आज तक नहीं हुआ है। खामियाजा 1000 से ज़्यादा ही स्कूल बंद हो चुके हैं। इसलिए आज अपनी मांगों को लेकर इस स्कूल बंद कर चेतावनी स्वरूप एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो दिवाली से पहले हम असहयोग आंदोलन करेंगे।
ये हैं मांगें
शिक्षा सत्र 2020, 2021 के आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि जल्द से जल्दभुगतान किया जाए, जैसा कि सरकार की घोषणा है, कक्षा 9वीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों की प्रतिपूर्ति राशि दी जाए. 16 महीनों ताकि स्कूल बसों का संचालन बंद रहा है. इसलिए सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ किया जाए। बसों की पात्रता अवधि बारह वर्षों से दो वर्ष आगे बढ़ाया जाए।
मान्यता और नवीनीकरण के लिए शिक्षा विभाग की अडिय़ल रवैया के कारण मान्यता की प्रक्रिया दो से तीन साल विलम्ब चल रही है। इसके लिए नवीनीकरण के नियमों और मान्यता के नियमों पर संशोधन किया जाए। अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग गणेश और पुस्तक वास्तविक दर पर उपलब्ध कराएं, स्कूल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना काल में अशासकीय भी स्कूलों का निरीक्षण किया गया था। अलग-अलग जिलों में कमियां बताकर अशासकीय विद्यालय को परेशान किया जा रहा है। कोई भी गंभीर आर्थिक अनियमितता अगर स्कूलों में न पाई जाए, तो वो स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई न की जाए।