Charity Festival : नाम के अनुरूप 'द आरम्भ स्कूल' ने मनाया 'दान उत्सव |

Charity Festival : नाम के अनुरूप ‘द आरम्भ स्कूल’ ने मनाया ‘दान उत्सव

Charity Festival: As per the name 'The Aarambh School' celebrated 'Dan Utsav'

Charity Festival

रायपुर/नवप्रदेश। Charity Festival : द आरम्भ स्कूल के छात्रों और शिक्षकों ने दान उत्सव मनाया। अपने नाम के अनुरूप द आरंभ स्कूल ने सोसायटी में जाकर रोजमर्रा की जरूरत की चीजों को जरूरतमंदों तक पहुंचाया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने बुजुर्गों और जानवरों के साथ समय बिताया। द आरंभ स्कूल में प्री स्कूल में 2 से 5 अक्टूबर तक दान उत्सव सेलिब्रेट किया गया।

Charity Festival: As per the name 'The Aarambh School' celebrated 'Dan Utsav'

पहले दिन स्कूल के बच्चों और शिक्षकों ने मिलकर विभिन्न सोसायटी में जाकर राशन, स्टेशनरी, नगद और पालतू जानवरों के लिए खाने-पीने की जरूरत की चीजों को एकत्र किया। दुकान-दुकान जाकर एकत्र की गई चीजों को जरुरतमंद लोगों तक एनजीओ के माध्यम से पहुंचाया। इस काम में छात्रों के पेरेंट्स और सोसायटी के लोगों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

दान उत्सव (Charity Festival) के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने स्कूल अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत वाटिका एनिमल सेंचुरी ले जाया गया। वहां बच्चों ने जानवरों के साथ समय बिताया और उनकी देखभाल से संबंधित बातें जानी और सीखी। पालतु जानवर या आवारा जानवरों की केयरिंग करने के बारे में जाना। इसके बाद छात्रों ने पौधारोपण भी किया। इस कार्य में विद्यार्थियों के बड़ी संख्या में शिक्षक भी शामिल हुए।

Charity Festival: As per the name 'The Aarambh School' celebrated 'Dan Utsav'

उत्सव के तीसरे दिन मेकाहारा हॉस्पिटल पहुंचे। अस्पताल में एक छोटी लायब्रेरी के निर्माण के लिए किताबें और बुक शेल्फ दान किया। साथ ही हॉस्पिटल द्वारा दी गई एक जगह पर बच्चों ने दीवारों पर सुंदर कलाकृतियां भी बनाई। जिससे वहां सकारात्मक माहौल बना रहे।

उत्सव के चौथे और आखिरी दिन छात्रों को बढ़ते कदम वृद्धाश्रम भी ले जाया गया। जहां बच्चों ने बुजुर्गों के साथ समय बिताया। घर में बड़े-बुजुर्गों के महत्व के बारे में समझाया। उनके साथ कई बातें शेयर की। बच्चों के साथ बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी देखते ही बनी। इस दौरान आश्रम में बुजुर्गों को जरूरत का सामान भी स्कूल ने दान किया।

दान उत्सव (Charity Festival) के माध्यम से स्कूल का उद्देश्य बच्चों को कल्चर ऑफ़ गिविंग जैसी शिक्षा देना था, ताकि वे आगे जाकर एक बेहतर इंसान बने और समाज की बेहतरी में अपना योगदान दे पाएं।

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