Pharmacovigilance Week : मरीज की हर डिटेल पर रखें नजर…एक्सपर्ट ने चेताया
विभाग ने आयोजित किए अनेक आयोजन
रायपुर/नवप्रदेश। Pharmacovigilance Week : औषध विज्ञान विभाग, पंडित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज द्वारा राष्ट्रीय भेषज सतर्कता सप्ताह पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर फार्माकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उषा जोशी ने फार्माकोविजिलेंस के विभिन्न आयामों से अवगत कराया।
मरीज की हर डिटेल पर रखें नजर
फार्माकोलॉजी विभाग (Pharmacovigilance Week) की प्रमुख डॉ. उषा जोशी ने कहा कि आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा है। रोगी को दवा देने और रोगी के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव से लेकर सुरक्षा आदि तक हर विवरण पर रिपोर्टिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों के बारे में रोगी को जागरूक करने के लिए आयोजित किया जाता है।
चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट और अन्य चिकित्सा व्यवसायी जो स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के प्रमुख घटक हैं, जो रोगी की सुरक्षा में योगदान करते हैं, इस कार्यक्रम में भाग लेते हैं। यह आयोजन हर साल 17 से 23 सितंबर तक राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय औषधि सतर्कता सप्ताह विशेषज्ञों को समर्पित है, इसलिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े सभी लोग दवा की प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट करने और आम जनता को इसके महत्व को बताने के उद्देश्य से इसमें भाग लेते हैं। फार्माकोविजिलेंस के विभिन्न आयामों से अवगत कराते हुए विभाग के समस्त चिकित्सकों द्वारा उद्बोधन दिया गया।
नारा लेखन, प्रश्नोत्तरी और पोस्टर लेखन का आयोजन
स्नातकोत्तर छात्रों के लिए नारा लेखन, क्विज और पोस्टर लेखन का आयोजन किया एवं विजेता छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में समस्त विभागाध्यक्ष एवं स्नातकोत्तर छात्र सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के अंत में प्रीति सिंह फार्माकोविजिलेंस एसोसिएट द्वारा एडीआर फार्म भरने का प्रशिक्षण दिया गया।
ड्रग सेफ्टी के रूप में भी जाना जाता
विदित हो कि फार्माकोविजिलेंस (Pharmacovigilance Week), जिसे ड्रग सेफ्टी के रूप में भी जाना जाता है, फार्मास्युटिकल उत्पादों के संग्रह, पता लगाने, मूल्यांकन, निगरानी और प्रतिकूल प्रभावों की रोकथाम से संबंधित औषधीय विज्ञान है। प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) औषधीय उत्पाद के उपयोग से संबंधित एक अवांछित या हानिकारक प्रतिक्रिया है जो किसी दवा के उपयोग की सामान्य परिस्थितियों में दवाओं के संयोजन के बाद अनुभव की जाती है। ऐसे में आमतौर पर दवा को बंद करने या खुराक कम करने की आवश्यकता होगी। जन सामान्य, मरीज, छात्र, शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग भी एडीआर रिपोर्ट कर सकते हैं।