World Alzheimer’s Day : 5 चीज़ें जो बन सकती हैं अल्ज़ाइमर्स बीमारी का कारण!
नई दिल्ली। World Alzheimer’s Day : अल्ज़ाइमर्स एक प्रगतिशील मस्तिष्क रोग है, जो याददाश्त की हानि पहुंचाता है और संज्ञानात्मक सोच को बाधित करता है। यह सबसे आम तरह का डिमेंशिया है, जो मस्तिष्क के सेल्स को क्षति पहुंचाता है, याददाश्त में बदलाव लाता है, अनियमित व्यवहार और शरीर के फंक्शन को कमज़ोर करता है।
इस बीमारी की शुरुआत आमतौर पर धीमी होती है, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति ख़राब होने लगती है। इस बीमारी के सबसे आम लक्षण है में से एक है हाल की घटनाओं को भूलना। अल्ज़ाइमर से पीड़ित रोगी लोगों का नाम, उनका घर, फोन नंबर और अन्य आम बातें भूलने लगते हैं। यही वजह है कि ‘विश्व अल्ज़ाइमर दिवस’ नाम का एक विशेष दिन इस रोग को समर्पित किया गया है, ताकि इस बीमारी की गंभीरता और इसके कारण के बारे में जागरुकता फैलाई जा सके।
यह दिन दुनिया भर के कई देशों द्वारा मनाया जाता है, जहां लोग अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सेमिनार, लेक्चर और कई तरह के फंक्शन्स का आयोजन करते हैं। विश्व अल्ज़ाइमर्स दिवस (World Alzheimer’s Day) 21 सितंबर को है, इसी मौके पर आइए जानें कि उन रिस्क फैक्टर्स के बारे में जो डिमेंशिया या अल्ज़ाइमर्स का कारण बन सकते हैं।
वायु प्रदूषण
दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 70 से 80 की उम्र की महिलाएं, जो उच्च स्तर के वायु प्रदूषण के संपर्क में थीं, उनमें याददाश्त में गिरावट देखने को मिली। जिन महिलाओं ने साफ हवा में सांस ली, उनकी तुलना में इनमें अल्ज़ाइमर के संकेत भी देखने को मिले। इसलिए अपने वातावरण को साफ रखने और प्रदूषण के स्तर पर भी ध्यान देने की ज़रूरत होती है।
बेचैनी
शोधकर्ताओं ने पाया कि बेचैनी का सीधा संबंध हल्के संज्ञानात्मक हानि (MCI) से लेकर अल्ज़ाइमर रोग की प्रगति तक है। हल्के संज्ञानात्मक हानि वाले रोगियों में चिंता या बेचैनी अक्सर देखी गई है, हालांकि, डिमेंशिया में इसकी भूमिका के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है।
ख़राब लाइफस्टाइल
ऐसी लाइफस्टाइल जहां रोज़ाना वर्कआउट या ज़्यादा मूवमेंट न हो, आपके शरीर के साथ दिमाग़ी सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है। अमेरिका के विस्कोनसिन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि रोज़ाना एरोबिक एक्सरसाइज़ संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में सुधार करता है, जो अल्ज़ाइमर्स रोग से बचाने में मददगार साबित हो सकता है।
अकेलापन
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग मध्य जीवन के दौरान लगातार अकेले रहते हैं उनमें आगे चलकर डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर रोग विकसित होने की संभावना अधिक होती है। ‘अल्ज़ाइमर एंड डिमेंशिया’ जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी देखा गया, कि जो लोग अकेलेपन से उबरते हैं, उनमें डिमेंशिया से पीड़ित होने की संभावना कम हो जाती है।
ज़रूरत से ज़्यादा शराब का सेवन
एक अध्ययन से पता चला कि अगर कोई व्यक्ति प्रति सप्ताह लगभग 14 ड्रिंक्स (हर दिन 2 ड्रिंक) लेता है और पहले से ही हल्के संज्ञानात्मक हानि से पीड़ित है, तो उनमें डिमेंशिया या अल्ज़ाइमर (World Alzheimer’s Day) विकसित होने का उच्च जोखिम हो सकता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।