Congress Response : 7 साल में क्यों नहीं देखी इतनी श्रद्धा...?

Congress Response : 7 साल में क्यों नहीं देखी इतनी श्रद्धा…?

Congress Response: Why haven't seen so much reverence in 7 years...?

Congress Response

रायपुर/नवप्रदेश। Congress Response : राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार अब हॉकी के जादूगर यानी ‘मेजर ध्यानचंद’ के नाम से होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्यानचंद के सम्मान में खेल के सबसे बड़े पुरस्कार का नाम बदलने का एलान किया है। खेल रत्न पुरस्कार खेल की दुनिया में शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है।

अभी इसका नाम राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड है, जिसे अब बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है, जिसके बाद विपक्ष गुस्से में है, सोशल मीडिया पर लगातार कांग्रेसी नेताओ समेत अन्य विपक्षी पार्टियों और तमाम तरह के लोग आलोचना कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला (Congress Response) ने राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलना मोदी सरकार की राजनैतिक अध:पतन की पराकाष्ठा बताया। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने देश की एकता अखंडता के लिये अपना जीवन बलिदान किया हो उन महान राजीव गांधी के नाम से दिये जाने वाले खेल रत्न का नाम बदलना प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की छुद्रता है।

जिनकी पार्टी ने उंगली भी न कटाई…वे कैसे जानेंगे शहादत का अर्थ

उन्होंने मोदी और बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, जिनके किसी भी नेता ने देश की आजादी से ले कर उसके नवनिर्माण में देश की एकता अखंडता के लिए उंगली भी न कटाई हो ऐसे दल के नेता बलिदान और शहादत का अर्थ क्या समझेंगे। उन्होंने नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को ललकारते हुए कहा कि वे अच्छे से जान ले किसी की लाइन मिटाने से उनकी अथवा उनके दल की लाइन लम्बी नही होने वाली। कांग्रेस और गांधी परिवार ने देश सेवा की इतनी लम्बी लकीर अपने खून से देश के लोगों के दिलो दिमाग मे खींची है जिसे भाजपा के लोग कितनी भी कोशिश कर ले मिटा नहीं सकते।

मोदी सरकार के पतन की पराकाष्ठा

प्रवक्ता ने कहा कि मोदी (Congress Response) और उनकी सरकार की नीयत में खोट नहीं होता तो मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल का कोई दूसरा पुरस्कार घोषित कर सकते थे । 41 वर्ष के बाद भारत ने हाकी में ओलंपिक में कोई मेडल जीता है उसकी याद अक्षुण्ण रखने के लिए मेजर ध्यांचन के नाम पर कोई पुरस्कार शुरू किया जा सकता था। मोदी सरकार की नीयत ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार करना नहीं अपितु स्व राजीव गांधी के नाम से दिया जाने वाले पुरस्कार का नाम बदलना था। मोदी और उनकी सरकार की मेजर ध्यांचन के प्रति इतनी ही श्रद्धा थी तो मोदी सरकार को बने 7 साल हो गए उनको भारत रत्न देने की घोषणा क्यो नही किया गया?

ध्यान रखें- लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तनशील

प्रवक्ता सुशील आनंद ने कहा कि मोदी सरकार ने स्व राजीव गांधी के नाम से दिए जाने वाले पुरस्कार (Congress Response) को बदल कर एक नई राजनैतिक परिपाटी की शुरुआत की है इसका परिणाम कालांतर में उन भाजपाई और संघी महापुरुषों के साथ भी होगा जिनका देश की आजादी में देश के नवनिर्माण में रंचमात्र भी योगदान नही है सिर्फ संघ और भाजपा के नेता होने के कारण देश भर में भाजपाई सरकारों ने उनकी मूर्तिया लगाई है उनके नाम से योजनाएं शुरू की है। लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन शील होती है और राजनैतिक निर्णय आने वाली सरकारों के लिए नजीर।

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