‘कोविड समय में वैज्ञानिक सोच’ पर छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश विज्ञान सभा किया वेबीनार,टीकाकरण पर वैज्ञानिकों ने दी राय

‘कोविड समय में वैज्ञानिक सोच’ पर छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश विज्ञान सभा किया वेबीनार,टीकाकरण पर वैज्ञानिकों ने दी राय

Chhattisgarh and Madhya Pradesh Vigyan Sabha conducted webinar on 'scientific thinking in Kovid times', scientists gave opinion on vaccination

Scientific Thoughts

Scientific Thoughts : अफवाहों के पीछे भागना ही अंधविश्वास है – डॉ. नरेंद्र नायक

रायपुर/नवप्रदेश। Scientific Thoughts : अंधविश्वासों को दूर करने जागरूकता फैलाने के लिए छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा एवं मध्यप्रदेश विज्ञान सभा द्वारा ‘कोविड समय में वैज्ञानिक सोच’ विषय पर संयुक्त वेबीनार आयोजित की गई। जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में फेडरेशन आफ इंडियन रेशनलिस्ट एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र नायक ने अफवाहों को दरकिनार करने की बातें कहीं।

दरअसल,कोरोना महामारी के कहर से पूरा देश परेशान है। अब इस महामारी के डर के बीच अंधविश्वाआस भी घुसने लगा है। इसी अंधविश्वास में ग्रामीण इलाकों में महिलाएं पूजा पाठ करके करोना को भगाने में जुट गई हैं। अंधविश्वांस का यह खेल सोशल मीडिया के जरिए कई गांवों में फैलने लगा है। खासकर महिलाओं को इसका भरोसा है कि पूजा पाठ से कोरोना भाग जाएगा।

वैक्सीन के प्रति बढ़ी जागरूकता

अपने व्याख्यान में डॉ. नायक (Scientific Thoughts) ने बताया कि कोरोना काल में अंधविश्वासों की जड़ें बहुत ज्यादा मजबूत हो गई हैं। शुरुआत में लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे थे। इस पर कई भ्रांतियां फैलाई गई थीं, जैसे वैक्सीन लगवाने के बाद चुंबकत्व गुण का आ जाना, मनुष्य का नपुंसक हो जाना इत्यादि जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। सब मिथ्या बातें हैं। धीरे-धीरे जब वैक्सीन के फायदों के बारे में पता चला, तब जन सामान्य आगे आए और वैक्सीन लगवाने लगे। कोरोना की विषम परिस्थिति में जहां कुछ लोग दूसरों की मदद करते नजर आए, वहीं कुछ अवसरवादी लोगों द्वारा संकट से फायदा उठाने के लिए झूठ गढ़े गए।

वैक्सीन को लेकर अफवाहें हावी

अफवाहें फैलाई गईं और अंधविश्वासों को बढ़ावा दिया गया। इन सबके बीच में कुछ अस्पतालों ने इस आपदा को अवसर में बदला और बहुत अनाप-शनाप फायदा उठाया। उन्होंने गरीबों तथा आम जनों से बहुत लाभ कमाया। इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में दिये जाने वाले वैक्सीन की अधिकतम दर तय की गई है। यानि निजी अस्पताल अब सरकार की तरफ से तय किये दर से ज्यादा पैसा नहीं वसूल सकेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा (Scientific Thoughts) के अध्यक्ष प्रो. एम.एल. नायक ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कोरोना अर्थात सार्स-कोव-2 के बारे में जागरूक किया तथा टीके की उपयोगिता की जानकारी देते हुए प्रतिभागियों एवं मुख्य वक्ता को धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम का संचालन विश्वास मेश्राम द्वारा किया गया तथा प्रस्तावना डॉ. वाई.के. सोना द्वारा रखी गई। डॉ. दिनेश मिश्रा, डॉ. हेमलता हुमने, सुश्री वंदिता गोधेजा, डॉ. वाई.के. सोना एवं डॉ. आर.के. सुखदेवे ने कोविड वैक्सीन से लकवा ठीक होने, शरीर में चुंबकत्व आने, बहुत सी फर्जी दवाइयां बाजार में आने, कोरोना देवी का मंदिर बनवाने संबंधी प्रश्न पूछे, जिनके उत्तर मुख्य वक्ता डॉ. नरेन्द्र नायक ने विस्तार से दिया गया। कार्यक्रम में विज्ञान सभा के अनेक सदस्यों और छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

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