356 शिक्षाकर्मियों में 129 के प्रमाण पत्र फर्जी मिले, बर्खास्तगी का आदेश फाईल में बंद, शिक्षा विभाग में हो चुका संविलियन...

356 शिक्षाकर्मियों में 129 के प्रमाण पत्र फर्जी मिले, बर्खास्तगी का आदेश फाईल में बंद, शिक्षा विभाग में हो चुका संविलियन…

Certificates of 129 out of 356 education workers were found to be fake, the order of dismissal is closed in the file, the merger has also taken place in the education department,

education workers fake certificate

-फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे 129 शिक्षाकर्मी
-सीईओ को मामले की जानकारी ही नहीं

गरियाबंद/जीवन एस साहूeducation workers fake certificate: फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे 129 शिक्षा कर्मियों की बर्खास्ती आदेश एक साल से अटकी हुई है। गरियाबंद जिले में हुए इस फर्जी शिक्षाकर्मी भर्ती मामले में बर्खास्ती आदेश के बाद से जिम्मेदार मौन है।

तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत गरियाबंद के द्वारा जारी पत्र से उम्मीद जगी है कि अयोग्य शिक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर किया जाएगा, लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ताज़्जुब की बात तो यह है कि फर्जी दस्तावेज वाले शिक्षा कर्मियों की शिक्षा विभाग में संविलियन भी हो चुका है।

तीन-तीन सीईओ बदल गए लेकिन फर्जी शिक्षा कर्मी मामले की फाइल बाहर नहीं आ पाई है। सबसे ताज़्जुब की बात यह है कि जिले में पदस्थ सीईओ इस मामले से अबतक अनजान है। 129 शिक्षाकर्मी के अतिरिक्त मैनपुर में 340 के आसपास और भी ऐसे शिक्षाकर्मी है जो फर्जी दस्तावेज पर नौकरी कर रहे है।

जिला पंचायत की सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित होने के तत्काल बाद 4 मार्च 2020 को गरियाबंद के तात्कालिक जिला पंचायत सीईओ ने सन 2005 से 2007 के बीच भर्ती हुए 129 शिक्षाकर्मियों की भर्ती निरस्त करने मैनपुर जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन स्थाई समिति की विशेष बैठक आयोजित करने के निर्देश जारी कर चुके है।

ये फर्जी प्रमाण पत्र है संलग्न

फर्जी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र, फर्जी एनएसएस का प्रमाण पत्र, स्काउट गाइड का प्रमाण पत्र, खेलकूद से संबंधित फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर अपात्र लोगों को नियुक्ति दी गई, जिसमें बीते कई सालों से चल रही जांच का निष्कर्ष आने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने एक बेहद गंभीर पत्र मैनपुर जनपद पंचायत को जारी कर चुका है पत्र में सभी 129 शिक्षा कर्मियों को फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हथियाने का उल्लेख करते हुए सभी फर्जी शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने आदेश जारी हुआ है।

356 शिक्षाकर्मियों में 129 के प्रमाण पत्र फर्जी मिले

भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत की जांच करते समय अधिकारियों के होश उस वक्त फाख्ता हो गए जब सन 2005 से 2007 तक भर्ती हुए शिक्षाकर्मियों के दस्तावेज खंगाले गए 356 शिक्षाकर्मियों में 129 के प्रमाण पत्र फर्जी मिले, जांच पूरी होने के बाद बीते 17 जुलाई 2020 को जिला पंचायत सीईओ ने मैनपुर जनपद को एक पत्र जारी किया।

जिसमें उन्होंने लिखा है कि जिला पंचायत गरियाबंद 4 मार्च 2016 को गठित जांच समिति द्वारा संदर्भित पत्र के माध्यम से जनपद पंचायत मैनपुर में वर्ष 2005 में 98 पद 2006 में 11 पद 2007 में 128 तथा 70 और 47 पदों के विरुद्ध जांच की गई, जिसमें फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र एवं अन्य फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के पद पर चयनित शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति की जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।

मुझे इस मामले में अभी कोई जानकारी नहीं है। अगर वास्तव में फर्जी शिक्षाकर्मी की नियुक्ति हुई है तो अवश्य कार्यवाही होगी।
संदीप अग्रवाल, सीईओ जिला पंचायत गरियाबंद

मैनपुर में 129 शिक्षा कर्मी के दस्तावेज जिला स्तरीय जांच कमेटी ने फर्जी पाया था। जाँच प्रतिवेदन के मुताबिक़ तत्कालीन सीईओ राजकुमार खूंटे ने फर्जी शिक्षा कर्मियों को बर्खास्त करने मैनपुर सीईओ को पत्र भी जारी किया है लेकिन अब तक कार्यवाही नहीं हुई है।
रोहित साहू सदस्य जिला पंचायत गरियाबंद

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