पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम से यातायात सेवाएं ले सकती हैं जल समाधि
Transporter Protest: महासंघ की मांग- किराए में 40% की हो बढ़ोतरी
रायपुर/नवप्रदेश। Transporter Protest: देशभर में बढ़ते पेट्रोल-डीजल की दामों की मार से परेशान छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने प्रदेश भर में बस सेवाओं की यात्रा दर में बढ़ोतरी की बात को लेकर रायपुर जिले के कलेक्टर से मुलाक़ात की। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों ने जिला प्रसाशन अधिकारी से मुलाकत कर बस किराया बढ़ाने की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। मांग पूरी न होने पर सख्त प्रदर्शन की चेतावनी दी।
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ (Transporter Protest) ने अपने ज्ञापन में लिखा की केन्द्र सरकर द्वारा लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे है, लेकिन बस भाड़े में कोई बढ़ोतरी नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण बसों का सड़क पर चलना दूभर होते दिख रहा है। पदाघिकारियों ने बताया की यदि सरकार उनकी बातों को नहीं मानती है तो 8 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों में बस संचालक, चालाक, ऑपरेटर, क्लीनर, बकायदा बारात लेकर फिर एक बार ज्ञापन सौपेंगेी।
14 जुलाई खारुन में जल समाधि की चेतावनी
पदाघिकारियों का कहना है कि सरकार अगर उनकी बात तब भी नहीं मानती है तो 12 जुलाई को प्रदेशभर के बस संचालक, चालाक, ऑपरेटर, क्लीनर एकसाथ रायपुर बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर धरने पर बैठेंगे। जिसके बाद 13 जुलाई को समस्त बस संचालकों (Transporter Protest) द्वारा बस सेवाओं को अनिश्चित काल तक बंद करने की चेतावनी दी। 14 जुलाई अपने अपने परिवार के साथ दोपहर 3.30 बजे खारुन नदी में जल समाधि लेने की भी चेतावनी दी।
आपको बताते चले कि प्रदेशभर में करीब 1 लाख 8 हज़ार बसें सड़कों पर दौड़ती है, लेकिन आसमान छूते पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर बस मालिक भी परेशान है। इस समय बस संचालकों (Transporter Protest) का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित है।
ज्ञापन में लिखी मांगे
- कोरोनाकाल में लॉकडाउन से करीब दो वर्षों से व्यवसाय बुरी तरह से ठप्प है।
- उस पर केन्द्र सरकार द्वारा लगातार पेट्रोल डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी।
- बस संचालकों एवं ऑपरेटरो के सामने भूखे मरने की नौबत।
- वर्ष 2018 मे मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 10% किराया बढ़ाए जाने की अनुमति दी थी।
- वर्ष 2021 में भी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किराया को 25% तक और बढ़ा दिया है।
- वर्ष 2018 से लेकर मौजूदा वर्ष 2021 तक छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस विषय पर कोई कार्यवाही नहीं की।
राज्य सरकार से मांग
- किराए में 40% तक की बढ़ोतरी की जाए।
- बस यातायात का संचालन तभी मुमकिन।
- वर्ष 2009 में लागू किये गए एक नियम को खत्म करने की भी मांग।
- खड़ी बसों का भी टैक्स देना होगा, इस नियम को खत्म करने की बात कही है।