देश में पहला मामला ! ब्लैक फंगस सीधे मस्तिष्क तक पहुंचता है, डॉक्टर भी हुए परेशान, अब तक 5,500 से ज्यादा…
–Black fungus: मूत्राशय कवक का खतरा बढ़ गया, देश में अब तक 5500 मरीज हुए पंजीकृत
सूरत। Black fungus: देश में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। हालांकि, कुछ मरीज जो कोरोना पर काबू पा चुके हैं उनमें म्यूकोर्मिकोसिस पाया गया है। ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या 5,500 तक पहुंच गई है। यह बीमारी अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है।
इससे यह भी पता चलता है कि ब्लैक फंगस (Black fungus) अब सीधे दिमाग पर हमला कर रहा है। गुजरात के सूरत में यह अपनी तरह का पहला मामला है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था में चिंता बढ़ गई है। सूरत में एक 23 वर्षीय व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुआ था। युवक ने समय पर इलाज कराकर कोरोना पर काबू पा लिया।
लेकिन फिर उन्हें ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) हो गया। अब तक ब्लैक फंगस फेफड़ों और आंखों को खतरे में डाल रहा था। लेकिन अब ब्लैक फंगस सीधे दिमाग तक पहुंच गया है। इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्होंने इस प्रकार फंगस को देखा।
डॉक्टरों ने मरीजों से ज्यादा सतर्क रहने की अपील की है क्योंकि ब्लैक फंगस सीधे दिमाग में पहुंच गया है। मरीजों का एमआरआई स्कैन होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दिमाग में ब्लैक फंगस के पहुंचने की जानकारी व्यक्ति को चक्कर आने या बेहोश होने के बाद ही समझ आती है।
डॉक्टरों ने कहा कि ब्लैक फंगस सूरत के एक युवक के दिमाग में खून के जरिए पहुंचा होगा। विशेष रूप से इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के दिशानिर्देशों में भी चक्कर आना या सिर में सूजन का उल्लेख नहीं है।
ब्लैक फंगस किसे हो सकता है?
- जिन्हें कोरोना संक्रमण के बाद इलाज के दौरान स्टेरॉयड (डेक्सामेथासोन, मिथाइल, प्रेडनिसोलोन) दिया गया हो।
- अगर इलाज के दौरान कोरोना को ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू में रखा गया है
- अगर कैंसर, किडनी, ट्रांसप्लांट की दवाएं चालू हैं