पढ़ें, सीएम ने क्यों और किससे कहा- हाथ पैर बांध दिए और आप दौड़ने की बात करते हैं…
Debate on CG Budget : आंकड़ों से चला वार पलटवार का दौर
रायपुर/नवप्रदेश। Debate on CG Budget 2021 : वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पेश किए गए बजट पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन चर्चा (debate on cg budget 2021) हुई। विपक्षी सदस्यों ने बजट की खामियां गिनाईं तो वहीं मुख्यमंत्री ने भी केंद्र के छत्तीसगढ़ के प्रति भेदभाव के आंकड़ों का जिक्र करते हुए विरोधी दल के सदस्यों की बोलती बंद कर दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के हिस्से के करीब 18 हजार करोड़ रुपए नहीं दिए।
धान खरीदी में भी अड़ंगा लगा रही है केंद्र सरकार। हाथ पैर बांध दिए गए हैं (केंद्र की ओर इशारा करते हुए) और आप दौडऩे की बात करते हंै। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की बातों को जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आप वित्तीय घाटे की बात करते हैं।
लेकिन इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन हैं- केंद्र है। केंद्र सरकार यदि केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से का 14628 करोड़ तथा जीएसटी का 3109 करोड़ रुपए दे देती तो ऐसी स्थिति ही उत्पन्न नहीं होती। सारी चीजों के लिए केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। आपके वक्त केंद्र ऐसा भेदभाव नहीं करता था।
मुख्यमंत्री ने ऐसे बंद की भाजपा सदस्यों की बोलती
बैंक गारंटी तो आपने शुरू की
चर्चा (debate on cg budget 2021) का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सदस्य बैंक गारंटी की बात करते हैं। मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि बैंक गारंटी की शुरुआत किसने की। आपके शासन काल में की इसकी शुरुआत हुई थी। पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह से कहा कि पीएम आवास योजना के लिए आपकी सरकार ने ही बैंक गारंटी दी गई थी। विद्युत कंपनियों के जरिए भी आपकी सरकार में बैंक गारंटी दी गई थी। हम तो बैंक गारंटी इसलिए दे रहे हैं ताकि सरकार को ब्याज पर कम पैसा खर्च करना पड़े।
जीएसटी एक्ट क्यों याद नहीं रहता
मुख्यमंत्री ने धरमलाल कौशिक से कहा कि आप जनघोषणा पत्र की बातें बार बार दोहराते हैं। लेकिन संसद में जीएसटी को लेकर जो कानून बना वह आपको याद नहीं है। जीएसटी एक्ट के मुताबिक, केंद्र को राज्य को उसके हिस्से की 50 फीसदी राशि देनी होती है, लेकिन केंद्र सरकार यह राशि नहीं दे रही है। जरा इसे भी याद रख लेते तो अच्छा होता।
केंद्र के कर्ज का भी कर लेते गुणा-भाग
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप छत्तीसगढ़ के कर्ज की बात करते हैं। केंद्र सरकार ने पिछले दो साल में 18 लाख 42 हजार 514 करोड़ का कर्ज लिया है। जरा इसका भी गुणा भाग कर लेते और बता देते कि इस कर्ज के कारण अगले वर्ष देश के हर व्यक्ति पर कितने का कर्ज होगा।
आपके कर्ज का ब्याज हम चुका रहे
बघेल ने भाजपा सदस्यों से कर्ज को लेकर यह भी कहा कि आपके कर्ज का ब्याज हम भी चुका रहे हैं। आपके वक्त विज्ञापनोंं पर खर्च के
लिए 165 करोड़ का बजट था। आपने 350 करोड़ खर्च कर दिए। उस कर्ज को भी हम अदा कर रहे हैं। आपके वक्त के 41 हजार करोड़ के कर्ज पर आपने भी भारी ब्याज चुकाया था। आंकड़े इसका प्रमाण है।
जीएसटी के दुष्प्रभाव को ऐसे समझाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष राज्य के कमिटेड व्यय में कमी की बात करते हैं। इसके लिए यदि कोई जिम्मेदार है तो वो है- जीएसटी। जीएसटी एक्ट के तहत पहले राज्यों को 50 फीसदी राजस्व देने की बात कही गई। फिर उसे कम करके 43 फीसदी कर दिया गया। यह प्रतिशत भी पूरे देश का है, राज्य का नहीं। छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है। इससे हमें नुकसान हो रहा है। जबकि पहले राज्यों के पास वैट का अधिकार होने से राज्य अपने स्तर पर व्यवस्था कर लेता था। हर चीज पर जीएसटी से पूरा पैसा केंद्र को जा रहा है।
चारवाक का सिद्धांत तो केंद्र का
सीएम ने कहा कि जिस चारवाक के सिद्धांत (कर्ज करके घी खाओ)की बात नेता प्रतिपक्ष कर रहे हैं वो सिद्धांत दरअसल केंद्र का है। वे भी जानते हैं कि केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि मांगे जाने पर उन्होंने कर्ज लेने का विकल्प दिया है। कर्ज लेने को तो केंद्र सरकार ही मजबूर कर रही है। और केंद्र सरकार खुद भी बड़े पैमाने पर कर्ज ले रही है।
हम डाउन टू अर्थ, एलिट ओरिएंटेड नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाइट के अपने तरीके से मायने निकाले जा रहे हैं। उनके मायने एलिट ओरिएंटेड क्लास के हैं जबकि हम कॉमन पीपुल ओरिएंटेड हैं। हम डाउन टू अर्थ हैं। और हमें इसमें कोई संकोच भी नहीं है। दिक्कत तो शीर्षाषन करने वालों को हो रही है। आपने तो छत्तीसगढ़ को पिछड़े राज्य की पहचान दिलाई थी। हम तो गरीब लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में लगे हुए हैं।
हर सेकंड ले रहे 5333 रु का कर्ज : कौशिक
चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बजट को दिशाहीन बताया। उन्होंने जन घोषणा पत्र के तमाम वाादों का जिक्र कर कहा कि बजट में उन वादों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार हर सेकंड 5333 रुपए का कर्ज ले रही है। विभिन्न योजनाओं पर राज्य का कमिटेड व्यय न के बराबर है। आखिर सरकार प्रदेश को किस दिशा में ले जा रही है। वित्तीय घाटा लगातार बढ़ रहा है।
शराबबंदी की बजाय इस पर सेस लगाकर 600 करोड़ रुपए कमाए जा रहे हैं। दिव्यांगों, बुजुर्गों को पेंशन, युवाओं को बेराजगारी भत्ता जैसे वादों को लेकर राज्य सरकार की ओर से प्रावधान नहीं किया गया है। शराब बंदी कीआखिर प्रदेश को किस दिशा में ले जा रहे हैं। कौशिक ने कहा कि केंद्र सरकार देने को तैयार है। लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार देश की ऐसी पहली राज्य सरकार है जो कहती है आप हमें मत दो, हमारी औकात नहीं है। प्रधानमंत्री आवास में राज्य मैचिंग ग्रांट देने को तैयार नहीं है, जिसके कारण केंद्र की इस योजना का लाभ प्रदेश की जनता को नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के बजट में बड़ी कटौती कर दी गई है।