CM Bhupesh का कौशिक के हर तर्क पर टिट फॉर टैट जवाब- मैं एक नहीं हजार बार…, पढ़ें वार-पलटवार
CM Bhupesh reply on governor address : सरकार की उपलब्धियों के खिलाफ विपक्ष के तमाम तर्कों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया मुख्यमंत्री ने
रायपुर/नवप्रदेश। मुख्यमंत्री (CM Bhupesh reply on governor address) भूपेश बघेल ने राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का शुक्रवार को जवाब दिया। उन्होंने अभिभाषण में उल्लेखित सरकार की उपलब्धियों के खिलाफ विपक्ष के तमाम तर्कों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान व किसानों को लेकर हर सरकार के कार्यकाल में हर सत्र में चर्चा होती रही है।
हमारी सरकार भी किसानों के लिए प्राथमिकता से काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘मुझे आज सदन में पत्रजीवी कहा गया। मैं बताना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ के किसानों, गरीबों, आदिवासियों तथा वनवासियों के हितों के लिए यदि मुझे पत्र लिखना पड़ा तो मैं लिखूंगा। एक नहीं हजार बार लिखूंगा।Ó
दरअसल शुक्रवार को मुख्यमंत्री के भाषण के पूर्व राज्यपाल के अभिभाषण पर कांग्रेस सदस्य शैलेष पांडे द्वारा पेश किए गए कृतज्ञता प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक चीज में महारथ हासिल हो गई है-पत्र लिखने में। वे केंद्र सरकार को आए दिन पत्र लिखते रहते हैं।
वे पत्रजीवी मुख्यमंत्री (CM Bhupesh reply on governor address) बन गए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर यह भी कहा कि राज्यपाल से जो कहलवाया गया वह सत्य से परे हैं। राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार का वर्तमान का कामकाज तथा भविष्य का विजन दिखता है, लेकिन इस अभिभाषण ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा। हालांकि मुख्यमंत्री के जवाब के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता प्रस्ताव ध्वनिमत से विपक्ष के संशोधन को अस्वीकार कर हुए पारित हो गया।
नेता प्रतिपक्ष के तर्क व सीएम के जवाब
छग में हर दिन दो किसान कर रहे खुदकुशी, मक्का- चना को भी मिले एमएसपी : कौशिक
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभिभाषण में किसानों से रिकॉर्ड धान खरीदी की बात कही गई है। इनके नेता कहते है कि सरकार 2500 रुपए में धान खरीद रही है। लेकिन हकीकत ये है कि प्रदेश में इस सरकार के दो साल के कार्यकाल में 139 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। यानी हर माह 17 व प्रतिदिन 2 किसानों ने आत्महत्या की है। केंद्र सरकार ने 14 अन्य जिंसों के लिए भी समर्थन मूल्य घोषित कर रखा है। लेकिन प्रदेश में न मक्का न चना की खरीदी एमएसपी पर हो रही है।
केंद्र के खिलाफ किसान एमएसपी को लेकर ही कर रहे आंदोलन, न जानें कितने मारे गए : सीएम
मुख्यमंत्री (cm bhupesh reply on governor address) ने कहा कि जिस दल की केंद्र में बैठी सरकार के खिलाफ किसान एमएसपी पर उपज खरीदी की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं, मारे जा रहे हैं, वे यहां एमएसपी की मांग कर रहे हैं। दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों ने आत्महत्या कर ली।
न जानें कितने किसान मारे गए हैं, लेकिन केंद्र सरकार तीन काले कृषि कानूनों को रद्द नहीं करने की जिद पर अड़ी है। हमने तो प्रदेश में बेहतर व्यवस्था की है। धान खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाई जिससे कोविड काल मेंं भी बिना भीड़ लगाए किसानों का धान खरीदा जा सका। हम धान का 2500 रुपए दे रहे हैं, लेकिन केंद्र इसको बोनस कहकर अड़ंगा लगा रहा है।
जन घोषणापत्र की नहीं दिख रही कोई झलक
सरकार की ओर से पहले अभिभाषण में जन घोषणापत्र का जिक्र किया गया था। लेकिन इस जन घोषणापत्र से अभिभाषण मेल नहीं खाता। जन घोषणापत्र में विभिन्न जरूरतमंद वर्गों के लिए सामाजिक पेंशन बढ़ाने की बात कही गई थी, लेकिन इसका कोई उल्लेख नहीं है। सरकार की बुनियाद झूठ पर टीकी हुई है।
15 साल बाद 15 सीटें, आपकी पीढ़ा समझता हूं : सीएम
आजकल प्रश्रकाल तक में हमारे जन घोषणापत्र का जिक्र हो रहा है। आपने इसे पूरा रट लिया है। आप की पीड़ा समझता हूं। 15 साल की सत्ता 15 सीटों में सिमट कर रह गई। यह बात आपको बर्दाश्त नहीं हो रही है। इसलिए आप बार-बार जन घोषणापत्र का जिक्र करते हैं।
सब काम केंद्र के पैसे से कराया : कौशिक
कौशिक ने कहा कि अभिभाषण मेंं राज्य सरकार की उपलब्धियों स्वरूप जिन कामों को जिक्र किया गया है वे सभी काम केंद्र के पैसे कराए गए हैं। मनरेगा में 29 हजार करोड़ के काम की बात की जा रही है। इसमें राज्य की भागीदारी सिर्फ 200 करोड़ की है। मनरेगा कार्यों का 300 करोड़ का भुगतान अभी भी होने को है। यहां तक कि नरवा, गरवा घुरवा बाड़ी व चबूतरा के काम भी केंद्र के पैसे से हो रहे हैं। प्रदेश में जो भी अच्छे काम हो रहे हैं उनका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। सिर्फ गौठान योजना में राज्य का पैसा लग रहा है, वो भी शराब पर उपकर लगाने से प्राप्त हुआ है।
केंद्रीय कर केे 15 हजार करोड़ अब भी नहीं मिले : सीएम
मनरेगा का पैसा हमारे हक का पैसा है। केंद्र सरकार यह पैसा सभी राज्यों को देती है। आप केंद्र के पैसे की बात कर रहे हैं। हकीकत ये है कि कि केंद्रीय कर में राज्य की हिस्सेदारी के 15 हजार 154 करोड़ रुपए अब भी केंद्र सरकार से राज्य को मिलने को है। हम तो सार्वजनिक उपक्रमों को भी बचाने का काम कर रहे हैं, जिसकी सराहना पूरे देश में हो रही है। नगरनार प्लांट चलाने का फैसला भी लिया है। केंद्र की मोदी सरकार क्या कर रही है, सब देख रहे हैं। अब तो सभी सार्वजनिक उपक्रमों की बेचने की तैयारी कर ली है।
14वें वित्त के पैसे से किया कोविड मैनेजमेंट : कौशिक
कौशिक ने कहा कि अभिभाषण में कोविड पीरीयड में लोगों को फ्री अनाज देने की बात कही गई। लेकिन ये अनाज तो केंद्र सरकार ने दिया। 14वें वित्त की राशि से पहले चेक काटा गया फिर पंचायतों को चावल दिया गया। आज पंचायतों के पास विकास कार्यों के लिए फंड नहीं है। कोविड के जिस देशी टीके को दुनिया मांग रही है, अन्य राज्यों में लगाया जा रहा है। उस पर प्रदेश में स्वास्थ्यमंत्री ने रोक लगा दी है।
अपने समय के आईसीयू, ऑक्सीजन बेड भी याद कर लें : सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के कोविड मैनेजमेंट पर सवाल उठाने वाले अपने समय की स्वास्थ्य सेवाओं को भी याद करें। अस्पतालों के नाम पर सिर्फ बिल्डिंगें थीं। आईसीयू बेड 53 से बढ़ाकर 406 कर दिए गए हैं। वेंटिलेटर वाले बेड की संख्या ह 151 से बढ़ाकर 514 कर दी गई है। जिस वैक्सीन पर रोक के कारण महाराज जी पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, उसका इस्तेमाल देश के अन्य राज्यों में सिर्फ 11 फीसदी से भी कम हुआ है। केंद्र सरकार देश की 130 करोड़ जनका के फ्री वैक्सीनेशन का ऐलान क्यों नहीं करती। उसके लिए तो सिर्फ बिहार हॅै। केंद्र ने छत्तीसगढ़ के लिए ये काम नहीं कराया तो हम तो है ही। इमने राज्य के लिए इसकी व्यवस्था कर ली है।