विश्व कप उठाने की पूरी क्षमता है इस टीम में
नितेश छाबड़ा
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आखिरकार पिछले कुछ दिनों से चली आ रही अटकलों को विराम देते हुए बीसीसीआई ने परसों 15 सदस्यीय भारतीय टीम का चयन कर लिया। मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के.प्रसाद की अगुवाई एवं कप्तान विराट कोहली की मौजूदगी में डेढ़ घण्टे की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया। टीम इस प्रकार है – विराट कोहली(कप्तान),रोहित शर्मा(उपकप्तान),महेंद्र सिंह धोनी, शिखर धवन, केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, केएल राहुल,भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, यजुवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, विजय शंकर, रविंद्र जडेजा और दिनेश कार्तिक। इस टीम में 12 खिलाडिय़ों के नाम लगभग पहले से तय थे। तीन ऐसे स्थान थे, जिसमें चयनकर्ताओं के साथ-साथ क्रिकेट प्रेमियों में भी असमंजस की स्थिति थी। सबसे ज्यादा असमंजस नंबर 4 के क्रम पर था। इस क्रम में एक समय फॉर्म के आधार पर रायडू सबसे आगे चल रहे थे, पर ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेली गई श्रृंखला में वे कुछ खास प्रदर्शन नही कर पाए और इसी दौरान विजय शंकर कुछ उपयोगी पारियों और अपनी उपयोगी गेंदबाजी के आधार पर रेस में उनसे आगे निकल गए। नि:संदेह रायडू बड़े अच्छे बल्लेबाज हैं। उनकी कैचिंग और फील्डिंग भी काफी कसी हुई है। वे अच्छा प्रदर्शन कर भी रहे थे, लेकिन आखिरी के कुछ हफ्तों में वे बिखरे से नजर आए और चयनकर्ताओं का विश्वास खो बैठे। जबकि विजय शंकर ने दबाव में कुछ तेज आक्रामक पारियां खेलकर सभी को प्रभावित किया। उनकी फील्डिंग जबरदस्त है और उनकी मध्यम गति की गेंदबाजी इंग्लैंड के मौसम में काफी उपयोगी साबित हो सकती है। रविन्द्र जडेजा का मुकाबला मुख्य रूप से चौथे तेज़ गेंदबाज़ के विकल्प के साथ था, पर चयनकर्ताओं ने उनको एशिया कप में अच्छी गेंदबाजी और अच्छे क्षेत्ररक्षक होने के कारण चुना। वे नाजुक मौकों पर उपयोगी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं।
टीम में सबसे अधिक चौंकाने वाला चयन अतिरिक्त विकेटकीपर के रूप में दिनेश कार्तिक का है। ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध श्रृंखला में दिनेश कार्तिक को एकदिवसीय मैचों में स्थान नही दिया गया था और ऋषभ पंत का नाम सबसे आगे चल रहा था। पर पंत दिए गए मौके का फायदा नही उठा पाए। बल्लेबाज़ी में उन्होंने अपरिपक्वता दिखाते हुए नाजुक मौकों पर खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया। पंत में जबर्दस्त ऊर्जा है और अपनी तूफानी आक्रामकता से मैच का रुख बदलने की क्षमता भी है, लेकिन अक्सर वे मैच की नजाकत के मुताबिक अपनी बल्लेबाजी पर लगाम नहीं लगा पाते। साथ ही मोहाली के मैच में नाजुक मौके पर उन्होंने विकेट के पीछे कुछ मौके गंवाए, जिससे टीम मैच के साथ साथ श्रृंखला भी गंवा बैठी। एक विकेटकीपर के रूप में उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है। पंत का टीम में नहीं होना इस बात सबूत है कि एक दो मौकों का खोना किसी होनहार खिलाड़ी के लिए कितना महंगा साबित हो सकता है। टीम के मुख्य चयनकर्ता ने भी इन बातों की पुष्टि की,कि दिनेश कार्तिक को अच्छी विकेटकीपिंग के आधार पर ही तरजीह दी गयी। 1983 का विश्व कप भी इंग्लैंड में हुआ था और पहली बार भारतीय टीम पर जीत का सेहरा बंधा था। इस टीम में सबसे खास बात यही थी कि इसमें ऑल राउंडर खिलाडिय़ों की भरमार थी।कप्तान कपिल देव के साथ मोहिंदर अमरनाथ, मदन लाल, रवि शास्त्री, रोजर बिन्नी, कीर्ति आजाद और संदीप पाटिल जैसे उपयोगी आल राउंडर थे। इन हरफनमौला खिलाडिय़ों ने वेस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की दमदार टीमों को ध्वस्त करके विश्व कप उठा लिया था। सेमीफाइनल और फाइनल में मोहिंदर अमरनाथ ने ऑल राउंड प्रदर्शन किया था और मैन ऑफ द मैच भी बने थे। इस भारतीय टीम में भी हार्दिक पांड्या, केदार जाधव और विजय शंकर बल्लेबाज़ी के साथ उपयोगी गेंदबाजी कर सकते हैं और रविन्द्र जडेजा एवं भुवनेश्वर कुमार गेंदबाजी के साथ उपयोगी बल्लेबाजी कर सकते है। चयनकर्ताओं ने इस बात का ध्यान रखा है कि एक संतुलित गेंदबाजी पंक्ति मैदान में उतरे। कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल फिलहाल हमारे सबसे अच्छे स्पिनर हैं। यह जोड़ी अभी पूरे फॉर्म में है। ये दोनों स्पिनर दबाव में भी अच्छी गेंदबाजी कर लेते हैं और टीम के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं।
टीम के मजबूत पक्ष पर गौर किया जाए तो सलामी बल्लेबाज़ों के साथ-साथ नंबर तीन पर कप्तान कोहली किसी भी टीम की गेंदबाजी को ध्वस्त कर सकते हैं। और फिर महेंद्र सिंह धोनी का अनुभव इनके साथ रहेगा ही। हमारी तेज गेंदबाजी बहुत ही अच्छी है। बुमराह, भुवनेश्वर और शमी की तिकड़ी गेम चेंजर साबित हो सकती है। इनका साथ देने के लिए विजय शंकर और पांड्या हैं ही। ये गेंदबाजी अपने दम पर मैच का रुख मोड़ सकती है। कमजोर पक्ष पर बात करें तो चौथे नंबर के बल्लेबाज के रूप में कोई मजबूत विकल्प टीम में नही है। कुछ समीक्षकों का मत है कि केएल राहुल को नंबर तीन पर उतार कर कप्तान विराट कोहली खुद नंबर चार पर उतरें। मेरे विचार से यह बहुत बड़ा जुआ हो जाएगा। राहुल अभी तक एक विश्वसनीय विकल्प नहीं बन पाए हैं। शुरुआती ओवरों में अगर पहला विकेट जल्द गिर जाए तो विराट ही हैं जो पारी को संभाल संवार सकते हैं। अत: नंबर चार पर विजय शंकर ही बेहतर विकल्प लग रहे हैं। दूसरी कमजोरी है अंतिम ओवरों में बड़े हिट लगाने के लिए हार्दिक पांड्या के अलावा कोई और बल्लेबाज नही है। इसके बावजूद हम यह कह सकते हैं कि चयनकर्ताओं ने अच्छी और संतुलित टीम चुनी है और इस टीम में विश्व कप उठाने की पूरी क्षमता है।