विधायक लक्ष्मी ध्रुव की मांग- मां अंगारमोती तीर्थस्थल पर ग्रामसभा गंगरेल को जारी वनाधिकार पट्टा निरस्त करे प्रशासन
धमतरी/नवप्रदेश। विधायक लक्ष्मी ध्रुव (mla laxmi dhruv demand cancellation of vanadhikar patta) ने धमतरी जिला प्रशासन (dhamtari district administration) से मांग की है कि मां अंगारमोती (maa angarmoti) तीर्थस्थल पर ग्रामसभा गंगरेल को जारी वनाधिकार पट्टा निरस्त किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी अपील की है कि वे उक्त भूमि का वनाधिकार पट्टा निरस्त करने के लिए धमतरी कलेक्टर को निर्देशित करें।
विधायक ध्रुव (mla laxmi dhruv demand cancellation of vanadhikar patta) ने कहा अनादि काल से आदिवासी गोंड समाज द्वारा मां अंगारमोती की पूजा अर्चना की जा रही है। गंगरेल बांध बनने से पूर्व माता चंवर में स्थापित थी। बांध बनने के बाद मां अंगारमोती माता (maa angarmoti) को गंगरेल में स्थापित करने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा जमीन दी गई। उक्त 3.03 हेक्टेयर जमीन को वनविभाग ने सिंचाई विभाग को दिया था। सिंचाई विभाग की ओर से आज तक वन विभाग को यह जमीन वापस नहीं की गई।
वनाधिकार पट्टा को बताया असंवैधानिक
विधायक ध्रुव ने कहा कि ऐसी स्थिति में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा ग्राम सभा आयोजित कर ग्राम सभा गंगरेल को उक्त जमीन का वनाधिकार पट्टा दिया जाना असंवैधानिक है। सूत्रों से पता चला है ग्राम सभा संचालित करते समय नियमों को ताक पर रखकर तानाशाहीपूर्ण तरीके से वनाधिकार पट्टा दिया गया है। जबकि मां अंगारमोती तीर्थस्थल की यह जमीन आज भी सिंचाई विभाग के अधीन है। उक्त भूमि पर हर साल आदिवासी गोंड समाज द्वारा मंडई, मेला, धार्मिक उत्सव तथा नवरात्रि पर्व आयोजित किया जाता है।
मुख्यमंत्री से की ये अपील
उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी अपील की है कि वे आदिवासी गोंड समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते उक्त भूमि का वनाधिकार पट्टा निरस्त करने के लिए धमतरी कलेक्टर को निर्देशित करें। ध्रुव ने कहा, ‘मैं सिहावा विधानसभा क्षेत्र से विधायक गोंड समाज से ताल्लुक रखती हूं। मेरी सामाजिक व समाज के लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उक्त भूमि के वनाधिकार पट्टे को धमतरी जिला प्रशासन (dhamtari district administration) द्वारा निरस्त किया जाए, ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना घटित न हो।