PM Modi ने वैज्ञानिकों को घोड़ों व कुत्तों को लेकर ये अनुसंधान करने को कहा
नई दिल्ली/नवप्रदेश। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (pm modi) ने वैज्ञानिकों (scientist) से कुत्तों और घोड़ों (dogs and horses) को लेकर अनुसंधान (research) करने को कहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों (scientist) से कुत्तो व घोड़ों (dogs and horses) की स्वदेशी प्रजातियों पर अनुसंधान (research) की आवश्यकता पर बल दिया है।
मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा ( आईसीएआर) की प्रगति की समीक्षा के दौरान मवेशियों, भेड़ और बकरियों की नई प्रजातियों के विकास की समीक्षा भी की और कुत्तों एवं घोड़ों की स्वदेशी प्रजाति पर अनुसंधान पर जोर दिया। उन्होंने पशुओं के पैरों और मुंह से संबंधित बीमारियों के लिए टीकाकरण पर एक केन्द्रित अभियान पर भी जोर दिया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एवं कृषि अनुसंधान एवं विस्तार विभाग में सचिव डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने प्राथमिकताओं, प्रदर्शन और विभिन्न चुनौतियों से निपटने की तैयारियों पर प्रस्तुतीकरण दिया।
स्थानीय चारा व फसलों पर अध्ययन की जरूरत पर जोर
प्रधानमंत्री ने पोषण मूल्य को समझने के लिए घास और स्थानीय चारा फसलों पर अध्ययन की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने पौष्टिक औषधीय पदार्थों के व्यावसायिक प्रयोग की संभावनाओं को खंगालने के अलावा मृदा स्वास्थ्य पर समुद्री खरपतवार नाशक के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
कृषि उपकरणों की पहुंच आसान बनाएं
मोदी ने कृषि उपकरणों की पहुंच आसान बनाने पर जोर देते हुए कहा कि खेत से बाजार तक के लिए ढुलाई सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस संबंध में कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने ‘किसानरथÓ ऐप पेश किया है।
जैविक और कृषि प्रक्रिया को अपनाएं
प्रधानंमत्री ने क्लस्टर आधारित रणनीति पर जैविक और प्राकृतिक कृषि प्रक्रियाओं को अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में नवाचार और तकनीक का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्टार्टअप्स और कृषि उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसानों की मांग पर सूचना उपलब्ध कराने में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।
पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को घोड़ों व कुत्तों को लेकर ये अनुसंधान करने को कहा
नई दिल्ली/(वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिकों से कुत्तों और घोड़ों की स्वदेशी प्रजातियों पर अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया है। मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा ( आईसीएआर) की प्रगति की समीक्षा के दौरान मवेशियों, भेड़ और बकरियों की नई प्रजातियों के विकास की समीक्षा भी की और कुत्तों एवं घोड़ों की स्वदेशी प्रजाति पर अनुसंधान पर जोर दिया। उन्होंने पशुओं के पैरों और मुंह से संबंधित बीमारियों के लिए टीकाकरण पर एक केन्द्रित अभियान पर भी जोर दिया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एवं कृषि अनुसंधान एवं विस्तार विभाग में सचिव डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने प्राथमिकताओं, प्रदर्शन और विभिन्न चुनौतियों से निपटने की तैयारियों पर प्रस्तुतीकरण दिया।
स्थानीय चारा व फसलों पर अध्ययन की जरूरत पर जोर
प्रधानमंत्री ने पोषण मूल्य को समझने के लिए घास और स्थानीय चारा फसलों पर अध्ययन की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने पौष्टिक औषधीय पदार्थों के व्यावसायिक प्रयोग की संभावनाओं को खंगालने के अलावा मृदा स्वास्थ्य पर समुद्री खरपतवार नाशक के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
कृषि उपकरणों की पहुंच आसान बनाएं
मोदी ने कृषि उपकरणों की पहुंच आसान बनाने पर जोर देते हुए कहा कि खेत से बाजार तक के लिए ढुलाई सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस संबंध में कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने ‘किसानरथ’ ऐप पेश किया है।
जैविक और कृषि प्रक्रिया को अपनाएं
प्रधानंमत्री ने क्लस्टर आधारित रणनीति पर जैविक और प्राकृतिक कृषि प्रक्रियाओं को अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में नवाचार और तकनीक का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्टार्टअप्स और कृषि उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसानों की मांग पर सूचना उपलब्ध कराने में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।
वर्ष में दो बार हैकॉथान आयोजित करें
उन्होंने चिह्नित समस्या के समाधान और टूल्स तथा उपकरणों की डिजाइन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष में दो बार हैकॉथन का आयोजन किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे कृषि कामगारों में महिलाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए खेती में काम के बोझ को कम किया जा सकता है। उन्होंने सेहतमंद खुराक सुनिश्चित करने के लिए ज्वार, बाजरा, रागी और कई अन्य अनाज को शामिल करने के संबंध में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया।
वर्ष में दो बार हैकॉथान आयोजित करें
उन्होंने चिह्नित समस्या के समाधान और टूल्स तथा उपकरणों की डिजाइन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष में दो बार हैकॉथन का आयोजन किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे कृषि कामगारों में महिलाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए खेती में काम के बोझ को कम किया जा सकता है। उन्होंने सेहतमंद खुराक सुनिश्चित करने के लिए ज्वार, बाजरा, रागी और कई अन्य अनाज को शामिल करने के संबंध में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया।