Naxal-Free India Mission : हिंसा छोड़ने वालों के लिए पुनर्वास और मुख्यधारा में लौटने के अवसर खुले हैं : सीएम साय
Naxal-Free India Mission
ओडिशा के कंधमाल–गंजाम सीमावर्ती घने वन क्षेत्र में नक्सलवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक (Naxal-Free India Mission) लड़ाई को एक बड़ी सफलता मिली है। खुफिया जानकारी पर आधारित संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित CPI (माओवादी) संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल गणेश उइके को न्यूट्रलाइज़ कर माओवादी नेटवर्क को करारा झटका दिया है। यह कार्रवाई नक्सली संगठन की रणनीतिक संरचना पर सीधा और प्रभावी प्रहार मानी जा रही है, जिससे उनके संचालन और मनोबल को गहरी चोट पहुंची है।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह अभियान लंबे समय से तैयार की जा रही ठोस रणनीति और सटीक इनपुट का परिणाम है। माओवादी गतिविधियों के लिए कुख्यात रहे इस क्षेत्र में कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि अब नक्सली हिंसा के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह शेष नहीं है। सरकार द्वारा तय की गई समयसीमा के अनुरूप 31 मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में यह कदम निर्णायक माना जा रहा है।
इस अभियान ने यह भी दिखा दिया है कि केंद्र और राज्यों की समन्वित नीति, आधुनिक तकनीक और जमीनी स्तर पर मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के चलते नक्सल संगठन लगातार कमजोर हो रहे हैं। विकास योजनाओं, सड़क संचार विस्तार और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के साथ-साथ सख्त सुरक्षा कार्रवाई से नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में हालात तेजी से बदल रहे हैं।
सरकार का रुख स्पष्ट है, हिंसा छोड़ने वालों के लिए पुनर्वास और मुख्यधारा में लौटने के अवसर खुले हैं, जबकि हथियार उठाने वालों के खिलाफ कानून पूरी सख्ती से लागू होगा। शांति, विकास और भरोसे पर आधारित यह नीति ही नए भारत की पहचान बन रही है। इस सफल ऑपरेशन ने एक बार फिर यह भरोसा मजबूत किया है कि (Naxal-Free India Mission) अब लक्ष्य नहीं, बल्कि साकार होती वास्तविकता बनता जा रहा है।
