Santa Claus School Controversy : क्रिसमस से पहले सख्त संदेश: बच्चों को जबरन Santa बनाया तो स्कूलों पर होगी कार्रवाई
25 दिसंबर को मनाए जाने वाले Christmas को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। स्कूलों, चर्चों और सार्वजनिक स्थलों पर सजावट और कार्यक्रमों की तैयारियां जोरों (Santa Claus School Controversy) पर हैं। लेकिन इसी बीच राजस्थान से जुड़ी एक खबर ने शिक्षा जगत का ध्यान खींचा है, जहां प्रशासन ने साफ शब्दों में स्कूलों को बच्चों के अधिकारों की याद दिलाई है।
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को स्पष्ट चेतावनी जारी की है कि क्रिसमस समारोह के नाम पर किसी भी छात्र पर सांता क्लॉज बनने या विशेष वेशभूषा पहनने का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि ऐसी कोई शिकायत सामने आती है, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आदेश में क्या कहा गया है
जारी निर्देशों के अनुसार, शिक्षा विभाग का मानना है कि त्योहारों का उद्देश्य बच्चों में खुशी और सहभागिता बढ़ाना होता है, न कि उन्हें किसी गतिविधि के लिए बाध्य (Santa Claus School Controversy) करना। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई स्कूल छात्रों या अभिभावकों पर अनावश्यक दबाव डालता पाया गया, तो इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना जाएगा।
अधिकारी का स्पष्ट संदेश
यह चेतावनी आदेश अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से 22 दिसंबर को जारी किया गया। आदेश के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी सांस्कृतिक या धार्मिक आयोजन में भागीदारी पूरी तरह स्वैच्छिक हो। बच्चों की इच्छा और अभिभावकों की सहमति के बिना किसी भी प्रकार की गतिविधि थोपना स्वीकार्य नहीं है।
क्यों अहम है यह फैसला
शिक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि यह कदम बच्चों के मानसिक दबाव को कम करने और उनकी स्वतंत्रता को प्राथमिकता देने की दिशा में अहम (Santa Claus School Controversy) माना जा रहा है। इससे पहले भी त्योहारों के दौरान स्कूलों पर महंगे कॉस्ट्यूम, खास ड्रेस या कार्यक्रमों में भाग लेने को लेकर अभिभावकों द्वारा असंतोष जताया जाता रहा है।
स्कूलों के लिए संकेत
यह आदेश केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि यह संकेत भी है कि शिक्षा व्यवस्था में बच्चों की सहमति और सहज भागीदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आने वाले समय में ऐसे आयोजनों को लेकर स्कूलों को और अधिक संवेदनशील रवैया अपनाना होगा।
