Audit Investigation : रेडक्रॉस में पारदर्शिता पर सवाल, लंबित ऑडिट की जांच को तीन सदस्यीय टीम गठित
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जनसहयोग से संचालित रेडक्रॉस सोसायटी (Audit Investigation) की कार्यप्रणाली को लेकर सूरजपुर जिले में चर्चाएं तेज हो गई हैं। लंबे समय से ऑडिट नहीं होने और वित्तीय पारदर्शिता से जुड़े सवालों को लेकर रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन बाबूलाल अग्रवाल ने कलेक्टर सूरजपुर को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने तीन सदस्यीय संयुक्त जांच दल का गठन कर दिया है।
रेडक्रॉस सोसायटी (Audit Investigation) के चेयरमैन बाबूलाल अग्रवाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि रेडक्रॉस सोसायटी जनसहयोग और सार्वजनिक विश्वास पर आधारित संस्था है, इसलिए इसके प्रत्येक कार्य, खर्च और निर्णय में पूर्ण पारदर्शिता आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिले में लंबे समय से सोसायटी का ऑडिट नहीं हो पाया है, वहीं बैठकों, आय-व्यय और खर्चों को लेकर भी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही थी। इन मुद्दों को उन्होंने सोसायटी की बैठकों में भी उठाया, ताकि कार्यशैली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा सके।

शिकायत के बाद कलेक्टर के निर्देश पर कार्यालय कलेक्टर (शिकायत शाखा) द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए संयुक्त जांच दल का गठन किया गया। इस जांच दल की अध्यक्षता अपर कलेक्टर जगन्नाथ वर्मा करेंगे। वहीं जिला कोषालय अधिकारी कार्यालय से प्रेमशंकर तिवारी तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कपिलदेव पैंकरा को दल का सदस्य बनाया गया है।
जांच दल को रेडक्रॉस सोसायटी के आय-व्यय, अनुदान राशि के उपयोग, बैंक खातों, वित्तीय लेन-देन तथा लंबित ऑडिट से जुड़े सभी बिंदुओं की गहन जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच के दायरे में सोसायटी की प्रशासनिक कार्यप्रणाली और वित्तीय अनुशासन भी शामिल रहेगा।
इधर, जांच दल के गठन (Audit Investigation) की जानकारी सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर इसे जनहित में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस कार्रवाई से न केवल रेडक्रॉस सोसायटी की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी, बल्कि भविष्य में जनसहयोग से संचालित संस्थाओं की जवाबदेही भी सुनिश्चित हो सकेगी।
