Hemant Soren Australia Visit : खनन के बाद जीवन की नई राह तलाशने ऑस्ट्रेलिया जाएंगे हेमंत सोरेन, आदिवासी पुनर्वास पर रहेगा फोकस

Hemant Soren Australia Visit

झारखंड के खनन प्रभावित इलाकों में विस्थापित आदिवासी समुदायों के भविष्य को लेकर राज्य सरकार अब अंतरराष्ट्रीय (Hemant Soren Australia Visit) अनुभवों से सीख लेने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खनन के बाद पुनर्वास और भूमि बहाली की प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाएंगे। इस संबंध में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त की ओर से मिले आधिकारिक आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री का यह दौरा झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के समापन के बाद होगा। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य उन आदिवासी समुदायों की स्थिति को समझना है, जिन्हें खनन गतिविधियों के कारण अपनी जमीन और आजीविका से वंचित होना पड़ा है।

मुख्यमंत्री सोरेन ऑस्ट्रेलिया में उन पुनर्वास मॉडलों का अध्ययन करेंगे, जिन्हें वहां के खनन क्षेत्रों में रहने वाले मूल निवासियों के लिए अपनाया गया है। इसके साथ ही वे यह भी देखेंगे कि किस तरह सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण, रोजगार, शिक्षा और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ा गया है।

आधुनिक खनन तकनीक और पर्यावरण संतुलन पर नजर

मुख्यमंत्री के दौरे का एक अहम पहलू ऑस्ट्रेलिया की उन्नत और वैज्ञानिक खनन तकनीकों का अध्ययन (Hemant Soren Australia Visit) भी रहेगा। ऑस्ट्रेलिया को दुनिया में टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल खनन नीतियों के लिए जाना जाता है। वहां की नीतियां आर्थिक विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने का उदाहरण मानी जाती हैं।

सोरेन वहां अपनाए जा रहे खनन नियमों, पर्यावरण सुरक्षा उपायों और सुरक्षित खनन प्रक्रियाओं का बारीकी से अवलोकन करेंगे। इसके अलावा, खनन के बाद भूमि को पुनर्स्थापित कर स्थानीय समुदायों को वापस सौंपने की नीति पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

झारखंड और ऑस्ट्रेलिया में समान चुनौतियां

अधिकारियों का मानना है कि झारखंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खनन भूगोल और उससे जुड़ी सामाजिक चुनौतियों में कई समानताएं हैं। दोनों ही क्षेत्रों में बड़ी आदिवासी आबादी निवास करती है और खनन का सीधा असर उनकी जमीन, जंगल और जीवनशैली पर पड़ता है।

मुख्यमंत्री सोरेन ऑस्ट्रेलिया में लागू खदान सुरक्षा मानकों, स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा से जुड़ी नीतियों और दीर्घकालिक विकास मॉडल (Hemant Soren Australia Visit) की जानकारी भी जुटाएंगे। इस दौरे से मिलने वाले अनुभवों के आधार पर झारखंड में खनन प्रभावित क्षेत्रों के लिए नई और अधिक प्रभावी नीतियां तैयार किए जाने की संभावना है।

सरकार को उम्मीद है कि यह अंतरराष्ट्रीय अध्ययन दौरा न केवल राज्य के खनन क्षेत्र को अधिक जिम्मेदार और टिकाऊ बनाएगा, बल्कि विस्थापित आदिवासी समुदायों के लिए समावेशी विकास और बेहतर जीवन की दिशा में भी ठोस कदम साबित होगा।

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