Pressure Irrigation Network Technology : प्रेशर इरिगेशन नेटवर्क मॉडल अपनाएगा छत्तीसगढ़, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भोपाल में प्रस्तुति देखी
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मध्य प्रदेश शासन के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने भोपाल में PIN – Pressure Irrigation Network तकनीक (Pressure Irrigation Network Technology) पर विस्तृत प्रस्तुति दी। बताया गया कि यह प्रणाली परंपरागत नहर आधारित सिंचाई की तुलना में अधिक कुशल, आधुनिक और जल संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप है।
अपर मुख्य सचिव राजौरा ने प्रस्तुति में कहा कि पारंपरिक नहर आधारित सिंचाई में जहाँ केवल 35% एफिशिएंसी, वहीं प्रेशर इरिगेशन प्रणाली से दक्षता 65% तक बढ़ जाती है। इस तकनीक में पाइपलाइन आधारित प्रेशर सिस्टम के माध्यम से सीधे खेतों तक जल पहुंचता है, जिससे रिसाव और अपव्यय लगभग समाप्त हो जाता है। ऊर्जा की खपत भी कम होती है तथा परियोजनाओं के लिए भू-अधिग्रहण न्यूनतम आवश्यक होता है, जिससे लागत और समय दोनों की बचत होती है।
प्रस्तुति में उल्लेख किया गया कि मध्यप्रदेश में 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में यह प्रणाली लागू (Pressure Irrigation Network Technology) की जा चुकी है। आने वाले वर्षों में इसे 40 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करने का लक्ष्य है। इसके परिणामस्वरूप जल उपयोग दक्षता, फसल उत्पादकता और सिंचाई सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तकनीक की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भी इस प्रणाली का अधिकतम विस्तार सुनिश्चित (Pressure Irrigation Network Technology) किया जाएगा, ताकि किसानों को कम पानी में भी अधिक सिंचाई सुविधा मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को इस तकनीक का अध्ययन, परीक्षण और चरणबद्ध क्रियान्वयन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तकनीक जल संरक्षण, ऊर्जा बचत, तेज कार्यान्वयन और भूमि अधिग्रहण रहित सिंचाई के लक्ष्य प्राप्ति में अत्यंत उपयोगी होगी।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा, अधीक्षण यंत्री विकास राजोरिया और अधीक्षण यंत्री शुभंकर विश्वास उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि पारंपरिक नहर पद्धति में रिसाव, वाष्पीकरण और अनियंत्रित बहाव के कारण खेतों तक सीमित जल पहुंच पाता है, जिससे वास्तविक सिंचाई क्षेत्र घट जाता है। वहीं PIN तकनीक में पानी पाइपलाइन व नियंत्रित दबाव से सीधे खेतों तक पहुँचता है, जिससे पानी का दुरुपयोग लगभग समाप्त हो जाता है।
दक्षता 65% से ऊपर पहुँचने के साथ फसलों की उत्पादकता बढ़ती है व किसान आय में वृद्धि होती है। पाइप आधारित प्रणाली होने से नहर निर्माण की आवश्यकता कम, लागत घटती है और कार्य समय पर पूरे हो जाते हैं। समान दबाव वितरण के कारण टेल एरिया तक भी पर्याप्त पानी उपलब्ध होता है, जो कृषि विस्तार के लिए अत्यंत लाभकारी है।
